प्रदेश के 54 प्रमुख बस स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की योजना को सरकार ने मंजूरी के अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। इन बस स्टेशनों का कायाकल्प पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप...
बदलता उत्तर प्रदेश : 54 बस स्टेशनों का होगा कायाकल्प, मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं
Nov 28, 2024 11:08
Nov 28, 2024 11:08
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे बस स्टेशन
इस परियोजना के तहत प्रत्येक बस स्टेशन पर यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए गेस्ट हाउस, डॉरमेट्री, रेस्टोरेंट, शौचालय, फूड कोर्ट, पार्किंग और कॉमर्शियल ऑफिस जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। साथ ही बस स्टेशनों के आसपास के क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
बसों के संचालन और यात्री सुविधाओं पर विशेष ध्यान
योजना के अनुसार न्यूनतम 40% बिल्डअप एरिया बस टर्मिनल, कामर्शियल एसेट और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए आरक्षित रहेगा। शेष 60% स्थान बसों की पार्किंग, गैराज और अन्य परिचालन सुविधाओं के लिए उपयोग किया जाएगा। बस अड्डे के आसपास कम से कम 18 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
दो साल में बस टर्मिनल का निर्माण
इस परियोजना को दो चरणों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बस टर्मिनल के निर्माण का कार्य अगले दो वर्षों में पूरा होगा। जबकि कमर्शियल एसेट और कॉम्प्लेक्स का निर्माण सात साल के भीतर संपन्न किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सेवाएं मिलें।
5.8 करोड़ यात्रियों को मिलेगा लाभ
रोडवेज की 12,500 बसें हर साल लगभग 5.8 करोड़ यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाती हैं। सरकार की इस योजना का उद्देश्य इन यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है। यात्रियों को अब प्रतीक्षालयों में आरामदायक बैठने की सुविधा, स्वच्छ शौचालय और बेहतर खानपान सेवाओं का लाभ मिलेगा।
इन 54 बस स्टेशनों का होगा कायाकल्प
योजना के अंतर्गत जिन बस स्टेशनों को विकसित किया जाएगा, उनमें खुर्जा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, नहटौर, नोएडा, गढ़, हाथरस, एटा, झांसी, मुरादाबाद, रामपुर, फैजाबाद, देवरिया, पीलीभीत, काशी, विंध्याचल, जौनपुर, बस्ती, और अमेठी जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं।
सरकार की पहल से यात्रियों को होगा बड़ा फायदा
प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देगा। इस परियोजना से परिवहन के क्षेत्र में प्रदेश के विकास की नई दिशा तय होगी और बस स्टेशनों की आय में भी वृद्धि होगी।
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