सपा प्रवक्ता ने कहा कि जितने भी बागी विधायक हैं, ये सभी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। इनके लिए सपा कार्यकर्ताओं ने जीतोड़ मेहतन की, प्रचार किया। तब जाकर ये लोग एमएलए बने। अब सपा कार्यकर्ताओं की बदौलत विधायक बनने वाले ये नेता भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं।
UP Politics : अभय सिंह अयोध्या में कमल खिलाने में जुटे, सपा ने बताया गद्दार, घेराबंदी करने को बनाई रणनीति
Aug 09, 2024 01:04
Aug 09, 2024 01:04
पार्टी से गद्दारी करने वाले इस्तीफा देने को तैयार नहीं
सपा प्रवक्ता ने विधायक अभय सिंह की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात पर भी सवाल उठाए और कहा कि अपनी पार्टी से गद्दारी करने वाले, उसे धोखा देने वाली बागी विधायक भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के अयोध्या दौरे के दौरान कुछ बागी एमएलए ने उनसे मुलाकात की। ये लोग अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। विधायक बना रहने चाहते हैं। लेकिन, भाजपा के कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर समावजादी पार्टी कानूनी तौर पर एकशन लेगी। इनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
सपा कार्यकर्ताओं के बलबूते बने विधायक, अब दूसरे दलों के कार्यक्रमों में हो रहे शरीक
सपा प्रवक्ता ने कहा कि जितने भी बागी विधायक हैं, ये सभी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। इनके लिए सपा कार्यकर्ताओं ने जीतोड़ मेहतन की, प्रचार किया। तब जाकर ये लोग एमएलए बने। अब सपा कार्यकर्ताओं की बदौलत विधायक बनने वाले ये नेता भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। लेकिन, विधान सभा सीट छोड़ने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा ऐसे लोगों को सबक सिखाने का काम करेगी। इनकी सदस्यता रद्द कराने के लिए हम कानून का दरवाजा खटखटाएंगे।
अभय सिंह की सीएम से मुलाकात के बाद गरमाया सियासी पारा
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो दिवसीय अयोध्या दौरे के दौरान सपा के बागी विधायक अभय सिंह ने उनसे मुलाकात की थी। अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। ये सीट सपा सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफा देने से खाली हुई है। इस सीट पर अभय सिंह भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने को लेकर सक्रिय हैं। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस दौरान मिल्कीपुर विधानसभा के स्थानीय समीकरणों को लेकर चर्चा हुई। हालांकि अभय सिंह ने इसे अपने क्षेत्र से जुड़े हुए विकास कार्यों को लेकर मुलाकात बताया है।
अभय सिंह को सपा की इस तरह जवाब देने की तैयारी
इसके साथ ही अभय सिंह की रणनीति को विफल करने के लिए सपा मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रही है। पार्टी रणनीतिकार जातीय समीकरणों के आधार पर अजीत को उम्मीदवार बनाने का दांव चल सकते हैं। अजीत की जीत के जरिए पार्टी अभय सिंह की घेराबंदी भी करना चाहती है। पार्टी की कोशिश है कि अयोध्या में पहले विधानसभा, फिर लोकसभा और फिर उपचुनाव में जीत दर्ज कर भाजपा के साथ बागी विधायकों को जवाब दिया जा सके।
सपा साक्ष्यों के आधार पर रद्द करानी चाहती है बागी विधायकों की सदस्यता
सपा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपने बागी विधायक अभय सिंह की मुलाकात को इसलिए भी मुद्दा बना रही है, क्योंकि वह साबित करना चाहती है कि अभय सिंह उसके एमएलए होने के बावजूद भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, उनकी चुनाव प्रबंधन में सक्रिय हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने, दूसरे दल का समर्थन करने के साक्ष्य के आधार पर सपा अभय सिंह की सदस्यता रद्द कराने की कोशिश करेगी। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि इस संबंध में वह विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से मांग करेंगे। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा जा सकता है।
अभय सिंह का अखिलेश यादव पर हमला
इस बीच अभय सिंह सपा पर हमलावर भी बने हुए हैं। उन्होंने अयोध्या रेप मामले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के डीएनए टेस्ट की मांग पर आपत्ति जताई और कहा कि क्या इससे पहले भी इस तरह की मांग की गई है? उन्होंने इसे महिला अपमान बताया और कहा कि इससे साबित होता है कि सपा का पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए का नारा धोखा है। सपा सिर्फ सिर्फ एक जाति और एक धर्म के लोगों की ही चिंता करती है। हालांकि कानूनी प्रक्रिया के तहत दुष्कर्म पीड़ित किशोरी का लखनऊ के क्वीन मेरी अस्पताल में गर्भपात कराने के साथ भ्रूण और उसके सेंपल को डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया है। चिकित्सकों की टीम किशोरी की हालत पर नजर बनाए हुए है।
पिता और पत्नी को भाजपा में कराया शामिल
अयोध्या की गोसाईंगंज सीट से विधायक अभय सिंह इन दिनों सपा को झटके पर झटका देने में लगे हुए हैं। बीते दिनों उनके पिता भगवान बख्श सिंह व पत्नी सरिता सिंह रणनीति के तहत भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। अभय सिंह ने राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद से ही वह भाजपा के पक्ष में सक्रिय हैं। अभय सिंह ने बसपा के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी लेकिन फिर सपा में चले गए हैं। 2022 में वे दूसरी बार विधायक बने थे, उन्होंने भाजपा उम्मीदवार आरती तिवारी को शिकस्त दी।
पार्टी के फैसलों का पहले भी कर चुके हैं विरोध
विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना जब सभी विधायकों को अयोध्या में राम मंदिर दर्शन कराने ले गए थे, तब अभय सिंह भी उनके साथ गए थे। हालांकि सपा ने विधायकों के अयोध्या जाने से मना किया था। इसके बाद अभय सिंह की सपा से दूरियां बढ़ती चली गईं। केंद्र सरकार ने अभय सिंह की सुरक्षा में इजाफा भी किया है। उन्हें वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है।
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