बृजभूषण शरण ने आरोप लगाया कि आज प्रदेश में पूजा के नाम पर मिलावटी घी बेचा रहा है। इसे 'पूजा घी' कहा जाता है। यूपी में पूजा घी और इसी तर्ज पर तिल बेचा जा रहा है। इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
पूजा घी के नाम पर यूपी में मिलावट : बृजभूषण शरण सिंह ने योगी सरकार को दी चुनौती, FSDA की टीम ने लिए सैंपल
Sep 22, 2024 16:30
Sep 22, 2024 16:30
यूपी में खुलेआम बेचा जा रहा मिलावटी घी
इस बीच भाजपा नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मंदिरों के प्रसाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह बीते दो साल से इस विषय पर बोल रहे हैं। कोई मान ही नहीं रहा है। पूर्व सांसद ने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर के ही लड्डू की क्यों, अन्य मंदिरों की भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में जितने भी मिलावटी पदार्थों की बिक्री हो रही है, उसकी जांच होनी चाहिए। यूपी में मिलावटी घी खुलेआम बेचा रहा है। एक श्रीमानजी बाबाजी का मैंने नाम लिया था, तो उन्होंने हमारे ऊपर मुकदमा ठोक दिया।
पूजा घी के नाम पर सबसे ज्यादा मिलावट
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं, उनका कलेजा था, इसी वजह से उन्होंने प्रसाद में मिलावट की जांच कराई। यूपी में भी कलेजा होना चाहिए, मिलावट की जांच कराई जानी चाहिए। बृजभूषण शरण ने आरोप लगाया कि आज प्रदेश में पूजा के नाम पर मिलावटी घी बेचा रहा है। इसे 'पूजा घी' कहा जाता है। यूपी में पूजा घी और इसी तर्ज पर तिल बेचा जा रहा है। इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
मिलावट से आस्था को चोट
उन्होंने कहा कि हवन-पूजन सामग्री के साथ बिकने वाली घी की सरकार और अन्य एजेंसी को हर हाल में जान करनी चाहिए। अगर इसमें कोई खामी मिलती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग अपने अनुष्ठान को करने के साथ ईश्वर को खुश करने के लिए तमाम जतन कर पूजन हवन करते हैं। ऐसे में मिलावट की उनकी आस्था को चोट पहुंचती है साथ ही ये ईश्वर का भी अपमानजनक है। इसलिए पूजन में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों का जांच कर उसको प्रमाणित करने की जरूरत है।
लखनऊ में एफएसडीए की टीम ने लिए प्रसाद के नमूने
इस बीच लखनऊ में विभिन्न मंदिरों के बाहर बिकने वाले प्रसाद की जांच शुरू हो गई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने हनुमान सेतु मंदिर के बाहर दुकानों से प्रसाद का सैंपल एकत्रित किया। इसके अलावा शहर के अन्य बड़े मंदिरों के प्रसाद की भी जांच की गई। यहां मौजूद दुकानदारों ने कहा कि हर तीन महीने में उनकी दुकानों की जांच होती है। वह लोग जिस घी का इस्तेमाल करते हैं, उसकी पूरी तरह से जांच करते हैं।
60 लाख का नकली घी हो चुका है बरामद
तिरूमला के प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलने का मामला भले ही अब सामने आया हो। लेकिन ये मिलावटी घी का कारोबार सिर्फ एक प्रदेश तक सीमित नहीं है। यूपी में धड़ल्ले से बाजारों में इस तरह के मिलावटी घी की खपत की जा रही है। एफएसडीए की जांच में कई बार इसकी पुष्टि हुई है। इस पर एक्शन भी लिया गया। लेकिन, इसके बाद दूसरे ब्रांड से इस कारोबार को अंजाम दिया जाने लगता है। लखनऊ में बीते दिनों फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने 60 लाख का नकली देशी घी बरामद किया है। ये नकली घी खराब क्वालिटी के तेल जैसे वेजिटेबल तेल, पिघला हुआ बटर, डालडा, हाइड्रोजेनेटेड तेल और आलू को मिलाकर बनाया जा रहा था। इसकी पूरे प्रदेश में सप्लाई की जा रही थी।
इस तरह किया जा रहा गोरखधंधा
इस दौरान फैक्टरी से 11 ब्रांडेड कंपनियों के देशी घी भी बरामद किए गए। पूछताछ में सामने आया कि फैक्टरी मालिक नकली घी बना कर अलग अलग ब्रांड जैसे अमूल, माधव, संस्कार, पारस और मधुसूदन ब्रांड के एक किलो व आधा किलो पैकिंग तैयार कराता था। फिर उन्हें बाजार में बेचने के लिए सप्लाई किया जाता था। फैक्टरी मालिक के खुद के ब्रांड का नाम मारुति नंदन, गोमती नंदन और अवंतिका है। इसकी बालाजी ट्रेडिंग कंपनी बाजार से कई ब्रांडेड कंपनियों के एक्सपायरी देशी घी खरीदती थी। उसी घी को अपने कारखाने में नए सिरे से तैयार करने के बाद कंपनी का ब्रांड लगाकर बेच दिया जाता था। कंपनी का यह गोरखधंधा बीते छह वर्षों से चल रहा था।
घी में मिलावट की इस तरह करें पहचान
नमक और एसिड टेस्ट:
एक चम्मच घी में आधा चम्मच नमक और कुछ बूंदें हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें। अगर घी का रंग बदलता है, तो उसमें मिलावट हो सकती है।
पानी में परीक्षण:
एक गिलास पानी में एक चम्मच घी डालें। अगर घी तैरता है, तो यह असली हो सकता है। अगर वह पानी में डूब जाता है, तो संभवतः नकली है।
हथेली पर परीक्षण:
थोड़ा सा घी अपनी हथेली पर रखें। शुद्ध घी तुरंत पिघलने लगता है, जबकि नकली घी में यह प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
घी को गर्म करके देखें:
घी को गर्म करें। अगर वह तुरंत पिघलकर भूरा हो जाता है, तो यह असली है। अगर पीला हो जाता है, तो इसमें मिलावट हो सकती है।
कपड़े पर परीक्षण:
सफेद कपड़े पर थोड़ा घी लगाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। अगर कपड़े पर कोई दाग या अवशेष नहीं आता, तो घी शुद्ध हो सकता है।
क्यूआर कोड स्कैन:
कुछ ब्रांडेड घी पैकेट्स पर होलोग्राम और क्यूआर कोड होता है। इसे स्कैन करके घी की असलियत का पता लगाया जा सकता है।
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