राजधानी लखनऊ में बसों से सफर करने वाले यात्रियों के लिए जरूरी खबर है। सिटी बसें शहर की सीमा में ही चलाई जाने की योजना बनाई जा रही है। वा रोड, बाराबंकी, हरदोई, संडीला, रायबरेली...
Lucknow News : लखनऊ से बाहर नहीं चलेंगी सिटी बसें, रूट में किया जा रहा है बदलाव
Jun 10, 2024 17:31
Jun 10, 2024 17:31
सिटी बसों को केवल शहर में चलाने की योजना
लखनऊ शहर में 22 रूटों पर 250 सिटी बसों का संचालन होता है। लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट के पास 100 सीएनजी सिटी बसों और 140 इलेक्ट्रॉनिक बसों की सुविधा है, जिसमें से 40 से ज्यादा बसें लखनऊ से देवा, बाराबंकी, हरदोई, रायबरेली, संडीला रोड पर चलाई जा रही हैं। सिटी बसें उन रूटों पर चलाई जा रही हैं जहां पर पहले से संचालित हैं और उन रूटों पर भी जहां पर रोडवेज बसें पहले से चल रही हैं। इन रूटों पर यात्री वेटिंग से बचने के लिए सिटी बसों से यात्रा कर रहे हैं, जिससे रोडवेज बसों को भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए सिटी बसों को सिर्फ शहर के अंदर ही चलाने की योजना बनाई जा रही है।
10 मिनट के अंतराल में बसें मिलती रहें
सिटी ट्रांसपोर्ट के एम डी आरके त्रिपाठी का कहना है कि इस योजना के लागू होने पर देवा रोड, बाराबंकी हरदोई, रायबरेली, संडीला और सुल्तानपुर रोड पर सिटी बसों से लोग सफर नहीं कर पाएंगे। रोडवेज बसों के रूट पर सिटी बसों के संचालक को लेकर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट और परिवहन निगम के बीच बातचीत चल रही है। लंबी दूरी की सिटी बसों को शहर में ऐसे इलाकों में संचालित किया जाए जहां अभी तक उनकी सेवा उपलब्ध नहीं है। यात्रियों को हर स्पॉट पर 10 मिनट के अंतराल में बसें मिलती रहें, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
इन रूटों पर चलेंगी सिटी बसें
लखनऊ में अलीगंज रूट, चारबाग से पीजीआई, चौक घंटाघर से बीकेटी, राजाजीपुरम से बीबी रोड पर सिटी बसों की कमी के कारण दैनिक यात्रियों को समस्या हो रही है। इन रूटों पर बसों को बढ़ाने की योजना है। सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी आरके त्रिपाठी का कहना है कि परिवहन निगम से इस विषय पर बातचीत चल रही है, सहमति बनने पर इसे लागू कराया जाएगा।
बसों के कायाकल्प में सुधार किया जायेगा
एमडी आरके त्रिपाठी ने आगे कहा कि खराब स्थिति में दौड़ रही सीएनजी बसों की दशा को सुधारने की योजना बनाई गई है। शुरुआती चरण में 42 सिटी बसों का कायाकल्प होगा। नगरीय परिवहन निदेशालय की योजना के अनुसार लखनऊ समेत 13 शहरों में चलने वाली सीएनजी बसों की दशा सुधारी जाएगी। संचालित ढाई सौ सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों में 110 बसों की हालत खस्ता पाई गई है। उन बसों को चिन्हित किया गया है, जल्द से जल्द उनकी दशा सुधारी जाएगी ताकि आम पब्लिक को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पूरा फायदा मिल सके।
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