रेरा का कड़ा कदम : सह-आवंटी बन सकेंगे सह-शिकायतकर्ता, आवेदन का फॉर्मेट पोर्टल पर उपलब्ध

सह-आवंटी बन सकेंगे सह-शिकायतकर्ता, आवेदन का फॉर्मेट पोर्टल पर उपलब्ध
UPT | फाइल फोटो

Jun 12, 2024 15:45

रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) उत्तर प्रदेश ने एक अहम कदम उठाया है, जिससे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सभी आवंटियों के हितों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी। रेरा ने अपने पोर्टल पर सह-आवंटी को सह-शिकायतकर्ता...

Jun 12, 2024 15:45

Lucknow News : रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) उत्तर प्रदेश ने एक अहम कदम उठाया है, जिससे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सभी आवंटियों के हितों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी। रेरा ने अपने पोर्टल पर सह-आवंटी को सह-शिकायतकर्ता के रूप में जोड़ने के लिए आवेदन पत्र का मॉडल फॉर्मेट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध करा दिया है।

रेरा को मिल रही थी ये शिकायत
पिछले कुछ समय से रेरा को यह शिकायत मिल रही थी कि कई मामलों में सह-आवंटी को शिकायतकर्ता के रूप में दर्ज नहीं किया गया था। आदेश जारी होने के बाद भी कुछ सह-आवंटियों ने अपने हितों की रक्षा के लिए रेरा से अनुरोध किया था। इन शिकायतों के संज्ञान में आने के बाद रेरा ने निर्णय लिया कि आने वाली सभी नई शिकायतों में यूनिट के सह-आवंटी को अनिवार्य रूप से सह-शिकायतकर्ता के तौर पर दर्ज किया जाएगा।

बिल्डर-बायर एग्रीमेंट संलग्न करनी होगी
शिकायतकर्ता को अपने आवेदन पत्र के साथ बिल्डर-बायर एग्रीमेंट या अलॉटमेंट लेटर की प्रति संलग्न करनी होगी, जिसके आधार पर सह-आवंटी को भी सह-शिकायतकर्ता के रूप में दर्ज किया जा सकेगा। यह निर्णय रेरा की पीठों के समक्ष विचाराधीन शिकायतों, एडज्यूडिकेटिंग अफसरों के समक्ष विचाराधीन शिकायतों, आदेश निष्पादन की कार्रवाई और आदेश संशोधन की कार्रवाई पर भी लागू होगा।

आवंटी के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उद्देश्य- भूसरेड्डी
रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा, "रेरा का उद्देश्य प्रत्येक आवंटी के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह आवश्यक नहीं कि आवंटी और सह-आवंटी के हित हमेशा एक समान हों। कई मामलों में जैसे पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-बहन आदि संयुक्त आवंटी होते हैं और कभी-कभी उनके हित टकरा सकते हैं। रेरा का लक्ष्य है कि सभी आवंटियों के हितों की रक्षा की जाए।" भूसरेड्डी ने कहा कि यह कदम विधिक तथा नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि बहुत बड़ी संख्या में घर या दुकानों के आवंटन में 2 से अधिक सह-आवंटी होते हैं और कभी-कभी वे रक्त-सम्बन्धी से भिन्न भी होते हैं। ऐसे में उनके हितों में टकराव की संभावना बनी रहती है। उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, ताकि प्रत्येक आवंटी को इंसाफ मिल सके और उसके हितों की पूरी तरह सुरक्षा सुनिश्चित हो सकें।

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