लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद आज यानि 9 जून को नई सरकार का गठन हुआ है। नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। लखनऊ के सांसद रहे राजनाथ सिंह ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है...
राजनाथ सिंह ने ली कैबिनेट मंत्री की शपथ : तीन बार के सांसद, उत्तर प्रदेश के रह चुके हैं मुख्यमंत्री
Jun 10, 2024 00:27
Jun 10, 2024 00:27
राजनाथ सिंह का राजनीतिक सफर
राजनाथ सिंह 1969 से 1971 के बीच गोरखपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन सचिव रहे। साल 1977 में मिर्जापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। राजनाथ सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन 1975 में भारतीय जनसंघ के उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के जिला अध्यक्ष के रूप में शुरू किया। वह जेपी आंदोलन के जिला समन्वयक थे और इमरजेंसी के दौरान 18 महीने तक जेल में रहे। 2014 में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी, इस दौरान उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। 2019 में बनी सरकार में राजनाथ सिंह को गृह मंत्री बनाया गया था। 2014, 2019 और 2024 में लगातार तीन बार उन्होंने लखनऊ लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है।
इन विभागों के रहे मंत्री
अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, राजनाथ सिंह ने भाजपा में विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लंबे समय तक सहयोगी रहे, राजनाथ सिंह 1984 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की युवा शाखा के अध्यक्ष बने। वह 1988 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुने गए और 1991 में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री बने। 1994 में उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में चुना गया, जिसके तुरंत बाद वह भाजपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष बन गए। मार्च 1997 में वह भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बने और राजनीतिक संकट के दौरान दो बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नवंबर 1999 में वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बने। 2003 में, राजनाथ सिंह वाजपेयी कैबिनेट में कृषि मंत्री बने। वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
2024 में की जीत हासिल
2024 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने 135159 वोटों के अंतर से सपा प्रत्याशी रविदास मेहरोत्रा को हराया है। लखनऊ लोकसभा सीट से राजनाथ सिंह को 612709 वोट मिले, वहीं रविदास मेहरोत्रा ने 477550 मत हासिल किए हैं। राजनाथ सिंह को व्यापक रूप से एक कुशल प्रशासक माना जाता है और वे लोगों से जुड़ने, संघर्षों को सुलझाने और परिणाम देने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनके दृढ़ लेकिन संयमित आचरण ने उन्हें पार्टी लाइनों और उनके सहयोगियों के बीच सम्मान दिलाया है।
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