यूपी में 300 पार का नया नारा : अखिलेश यादव ने मिशन 2027 के लिए दिया लक्ष्य, ऐसे हुए थे सत्ता से दूर

अखिलेश यादव ने मिशन 2027 के लिए दिया लक्ष्य, ऐसे हुए थे सत्ता से दूर
UPT | सपा मुखिया अखिलेश यादव।

Jun 11, 2024 19:40

यूपी की सियासत में अब 300 पार का नारा सामने आया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिशन 2027 के लिए कार्यकर्ताओं को ये लक्ष्य दिया है।

Jun 11, 2024 19:40

Short Highlights
  • यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों में जुटे अखिलेश यादव
  • लोकसभा चुनाव की तरह बेहतर परिणाम दोहराने की चुनौती
     
Lucknow News : लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 400 पार का नारा दिया था। पार्टी केंद्र में सरकार बनाने में सफल तो हुई लेकिन, उसे एढ़ी चोटी का जोर लगाने के बाद भी 240 सीटें ही नसीब हुईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केे तीसरे कार्यकाल में भाजपा पूर्ण बहुमत से दूर रह गई और उसे एनडीए के घटक दलों के साथ मिलकर सरकार चलानी पड़ रही है। चुनाव के दौरान भाजपा के 400 पार के नारे को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे और इसे लेकर तंज भी कसा था। इस बीच यूपी की सियासत में अब 300 पार का नारा सामने आया है। लोकसभा चुनाव में यूपी से सबसे ज्यादा 37 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिशन 2027 के लिए कार्यकर्ताओं को ये लक्ष्य दिया है।

अभी तो बस शुरुआत, आगे असली लड़ाई
सपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाई और उन्हें आगे का लक्ष्य दिया। उन्होंने कहा कि हमें 300 विधायकों के साथ 2027 में यूपी में सरकार बनानी है। अखिलेश यादव ने कहा ये तो बस शुरुआत है. आगे असली लड़ाई है। अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि हमारा अगला निशाना और लक्ष्य 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में सरकार बनाने का रहेगा. इसलिए अभी से 2027 की तैयारी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जोर-जोर से जुट जाए. इस बार हमें 300 विधायकों के साथ यूपी में सरकार बनानी है।

बेहतर माहौल में आगे बढ़ने की तैयारी
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अखिलेश यादव एक बेहतर माहौल में पार्टी कार्यकर्ताओं को आगे की लड़ाई के लिए तैयार कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के बाद सपा जहां देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं इससे कार्यकर्ता बेहद उत्साहित हैं। ऐसे में अखिलेश यादव एक बड़े लक्ष्य के साथ नए मिशन की तैयारी में जुट गए हैं। भले ही वह कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद बनने के बाद मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देने जा रहे हैं। लेकिन, उनका पूरा ध्यान उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2027 में सपा की वापसी का है। इसलिए अपने हर संवाद में वह सपा सांसदों से लेकर नेताओं और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी का एहसास करा रहे हैं।

2022 में सपा सत्ता से ऐसे हुई दूर
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम पर नजर डालें तो प्रदेश की 403 सीटों में भाजपा 255 सीटें जीतने में सफल हुई थी। एनडीए के सहयोगी दलों के साथ उसका आंकड़ा 273 पहुंचा था। इनमें अपना दल (सोनेलाल) को 12 सीटें और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) 6 सीटें जीतने में सफल हुई थी। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी को 111 सीटें और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को 8 सीटें मिली थी। कांग्रेस को महज 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

भाजपा के बाद सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत किया हासिल
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के आंकड़ों के मुताबिक भाजपा 41.29 प्रतिशत मत हासिल हुए। वहीं समाजवादी पार्टी को 32.06 फीसदी और बहुजन समाज पार्टी को 12.88 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। जबकि कांग्रेस को 2.33 प्रतिशत वोट मिले। इस चुनाव परिणाम की बदौलत योगी आदित्यनाथ दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। ये विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण रहे, क्योंकि चुनाव उनके चेहरे पर लड़ा गया और भाजपा लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता तक पहुंची।

2017 में अखिलेश को मिली करारी शिकस्त
इससे पहले यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा ने 403 सीटों में से 312 सीटें जीतने के साथ सत्ता का अपना वनवास खत्म किया था। इस चुनाव में सपा को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया था और अखिलेश यादव की लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की हसरत अधूरी रह गई। सपा को महज 47 सीटें मिली और उसके सहयोगी दल कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटें नसीब हुई। इस चुनाव में दो लड़कों की जोड़ी यानी राहुल गांधी और अखिलेश यादव पूरी तरह फेल साबित हुए थे। अखिलेश यादव का ‘काम बोलता है’ का नारा भी काम नहीं आया। वहीं बसपा को 19 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद भाजपा ने आश्चर्यजनक रूप से योगी आदित्यनाथ के हाथों में यूपी की कमान सौंपी। वहीं तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके अलावा दिनेश शर्मा भी उपमुख्यमंत्री बनाए गए।  

2027 में भी कायम रहेगी अखिलेश-राहुल की दोस्ती 
विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा को 39.66 प्रतिशत, सपा को 21.89 फीसदी, बसपा को 22.23 प्रतिशत और कांग्रेस को 6.24 प्रतिशत वोट मिले। अखिलेश यादव ने 2017 में सत्ता गंवाने से लेकर 2024 में यूपी की सबसे बड़ी और देश की तीसरे नंबर की पार्टी बनने का लक्ष्य हासिल किया है। इस बार जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने में वह सफल रहे। कांग्रेस को भी उनके साथ का भरपूर फायदा मिला। अब एक तरफ मंगलवार को रायबरेली में कार्यकर्ता आभार सम्मेलन के जरिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस को यूपी में फिर से खड़ा करने की कोशिश में जुट गए हैं, वहीं 2027 तक उनकी और अखिलेश यादव की दोस्ती क्या कायम रहेगी, ये भी अहम होगा। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व इस बात को अच्छी तरह समझ चुका है कि यूपी में उसे अपना वजूद बनाए रखने के लिए फिलहाल गठबंधन की बेहद जरूरत है। इसलिए वह अखिलेश यादव के साथ बने रहते नजर आ सकते हैं। 

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