अखिलेश यादव का बड़ा आरोप : सुल्तानपुर एनकाउंटर में मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव, सुप्रीम कोर्ट संज्ञान में ले मामला

सुल्तानपुर एनकाउंटर में मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव, सुप्रीम कोर्ट संज्ञान में ले मामला
UPT | Sultanpur Encounter

Sep 06, 2024 01:21

ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मंगेश यादव वारदात में शामिल था और इसका प्रमाण भी है। कोई अपराधी पुलिस पर फायरिंग करेगा तो पुलिस अपनी जान बचाने के लिए उस पर फूलों की बरसात करेगी या माला पहनाएगी?

Sep 06, 2024 01:21

Lucknow News : प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद में ज्वैलर्स डकैती कांड में मारे गए बदमाश मंगेश यादव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। उन्होंने अब इस प्रकरण में मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डालने का आरोप लगाया है। साथ ही इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की है। अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को जाति से जोड़ने की भी कोशिश की है।

सबूत मिटाने की कोशिश
सपा अध्यक्ष ने कहा कि दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की सबूत मिटा दिये जाएं। वहीं पार्टी की मीडिया सेल की आरे से कहा गया कि यूपी में योगीराज में फेक एनकाउंटर जाति देखकर और अपनी नाकामी छिपाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर किए जा रहे हैं। सुल्तानपुर मामले में सीएम योगी के स्वजातीय मास्टरमाइंड विपिन सिंह और अन्य ठाकुर अपराधियों को बचाया गया-बचाया जा रहा है और जाति खोजकर जिसका एनकाउंटर हुआ वो पूरी तरह फेक है। शासन के निर्देश पर ये एनकाउंटर नहीं मर्डर किया गया है, जिसमें सटाकर गोली मारी गई है और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर दबाव है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदली जाए जिससे ये मर्डर एनकाउंटर में तब्दील हो सके। योगीराज में वर्दी और सरकारी पिस्टल के द्वारा मर्डर को एनकाउंटर का नाम देकर जायज ठहराया जा रहा है और जाति देखकर ये मर्डर किए जा रहे हैं।
  समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था
अखिलेश यादव इस एनकाउंटर पर लगाता सवाल खड़े रहे हैं। उन्होंने गुरुवार सुबह सोशल साइट एक्स पर कहा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी। उन्होंने कहा कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे। सपा अध्यक्ष ने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।

ओम प्रकाश राजभर बोले- अखिलेश यादव को सिर्फ एक जाति आती है नजर
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव  के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मंगेश यादव वारदात में शामिल था और इसका प्रमाण भी है। कोई अपराधी पुलिस पर फायरिंग करेगा तो पुलिस अपनी जान बचाने के लिए उस पर फूलों की बरसात करेगी या माला पहनाएगी? उन्होंने कहा कि पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई है। पुलिस नहीं जानती है अपराधी किस जाति का है। वैसे भी अपराधी किसी भी जाति का हो सकता है। अगर सामने वाले व्यक्ति अपराध में लिप्त है और गोली चलाता है तो पुलिस एक्शन लेगी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव केवल जाति की राजनीति करते हैं। इस वजह से उनको अपराधी नहीं उसकी जाति दिखाई दे रही है। प्रदेश में और लोगों के भी एनकाउंटर होते हैं उस पर उनका सवाल नहीं आता है। दूसरी जाति के भी अपराधी मारे जाते हैं, तब वह नहीं बोलते। वह सिर्फ यादव पर ही बोलते हैं। वह सिर्फ यादवों के ही नेता बने हैं। ओम प्रकाश राजभर ने कहा था कि जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तो उनके राज में भी यही सब हुआ। उनको याद करना चाहिए।

यूपी एसटीएफ ने दी जानकारी
उधर दिनदहाड़े हुई इस डकैती को लेकर यूपी एसटीफ ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर सुलतानपुर में घेराबंदी के दौरान अपराधियों ने टीम पर फायरिंग की। इस दौरान अपने आप को घिरा देखकर एक बदमाश फायर करते हुए खेतों में अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग गया और दूसरा बदमाश अपनी पोजीशन बदल-बदल कर एसटीएफ टीम पर फायरिंग करता रहा। इस दौरान वह एसटीएफ की टीम ने भी फायरिगं की। कुछ देर बाद बदमाश की ओर से फायरिंग बंद होने पर जब टीम के सदस्य उसके पास पहुंचते तो वह घायल पड़ा था। इसके बाद सीएचसी ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया  गया। मृतक बदमाश की पहचान मंगेश यादव पुत्र राकेश यादव निवासी ग्राम अगरौरा, थाना बक्षा, जनपद जौनपुर के रूप में हुई है।

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