अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अलपसंख्यक के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है।
Reservation : अखिलेश यादव बोले- भाजपा की अंदरूनी सोच हमेशा आरक्षण विरोधी, बदलाव की जरूरत नहीं
Aug 11, 2024 15:31
Aug 11, 2024 15:31
- सपा अध्यक्ष ने कहा- समाज का विघटन नहीं हो आरक्षण का मूल मकसद
- 90 प्रतिशत पीडीए समाज का भरोसा गिरता जा रहा भाजपा से
समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए आरक्षण का उद्देश्य
अखिलेश यादव ने कहा कि किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए, न कि उस समाज का विभाजन या विघटन, इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है। उन्होंने कहा कि अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से पाटी नहीं जा सकती। आरक्षण शोषित, वंचित समाज को सशक्त और सबल करने का सांविधानिक मार्ग है, इसी से बदलाव आएगा, इसके प्रावधानों को बदलने की आवश्यकता नहीं है।
आरक्षण पर भाजपा सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का करती है नाटक
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अलपसंख्यक के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है, तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है। इसीलिए भाजपा पर से 90 प्रतिशत पीडीए समाज का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है। पीडीए के लिए संविधान संजीवनी है, तो आरक्षण प्राणवायु!
एससी-एसटी समाप्त करने की साजिश में कांग्रेस, भाजपा व सपा शामिल
इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को पार्टी पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक में कहा कि एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः समाप्त करने की गहरी साजिश लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि कभी कांग्रेस, भाजपा व सपा सीधे तौर पर तो कभी कोर्ट का सहारा ले रही है। जबकि इस मामले में अंबेडकरवादी बसपा ही दलितों व बहुजनों की असली हितैषी पार्टी है। इसके बाद अखिलेश यादव का इस मामले में टिप्पणी सामेन आई है।
मायावती के आरोप के बाद सपा अध्यक्ष का बयान आया सामने
मायावती ने यूपी विधानसभा की सभी 10 रिक्त सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि उपचुनाव में आरक्षण के मुद्दे पर वह भाजपा सहित समाजवादी पार्टी और अन्य दलों को घेरने की कोशिश करेगी। बसपा इसे बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है। ऐसे में सपा भी आरक्षण के मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर रही है, जिससे उसे उपचुनाव में खामियाजा नहीं उठाना पड़े। अखिलेश यादव लगातार पीडीए के हितों की बात कर रहे हैं। उन्होंने इस वर्ग को लेकर सरकार के तमाम फैसलों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि अगर पीडीए का साथ लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी मिला, तो पार्टी एक बार फिर भाजपा पर भारी पड़ सकती है।
पीडीए के जरिए वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भी सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने बीते दिनों कहा कि वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नजूल लैंड की तरह जमीन बेचना निशाना है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की शृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती 'भाजपाई-हित में जारी।' अखिलेश यादव ने कहा कि इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में जनता के स्थान पर जमीन लिखकर नया नामकरण भारतीय जमीन पार्टी कर देना चाहिए।
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