एकेटीयू ने प्रदेश में संबद्ध फार्मेसी संस्थानों पर सख्ती शुरू कर दी है, एकेटीयू प्रशासन ने कम प्रवेश वाले फार्मेसी संस्थानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीटों की संख्या में कटौती और मर्जिंग की योजना बनाई है।
एकेटीयू : कागजों में चलने वाले फार्मेसी संस्थानों पर होगी कार्रवाई, कम प्रवेश पर सीटें होंगी मर्ज
Oct 14, 2024 16:58
Oct 14, 2024 16:58
कॉलेजों की सीटें होंगी मर्ज
प्रो जेपी पांडेय ने बताया की प्रदेश में एकेटीयू से लगभग चार सौ फार्मेसी संस्थान जुड़े हुए हैं, लेकिन इनमें से कई में उम्मीद के मुताबिक प्रवेश नहीं हो रहे हैं। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी संस्थानों से पिछले तीन सालों के प्रवेश का डेटा मांगा है। इस डेटा के आधार पर निर्णय लिया जाएगा कि किन कॉलेजों की सीटें कम की जाएंगी या मर्ज की जाएंगी।
पेपर पर चलने वाले संस्थानों पर कार्रवाई
विवि ने कागजों पर चलने वाले और सिर्फ संबद्धता लेने वाले संस्थानों को सख्ती से नियंत्रित करने का निर्णय लिया है। कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों के प्रवेश आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है, और अगर किसी संस्थान में लगातार खराब प्रवेश हो रहे हैं, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ विवि ने सभी संबद्ध कॉलेजों से छात्रों की अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ऐबीसी आईडी की जानकारी भी मांगी है।
नए कॉलेजों का निरीक्षण शुरू
सत्र 2024-25 के लिए 120 से अधिक नए कॉलेज विवि से संबद्धता के लिए तैयार हैं। इन कॉलेजों को पहले ही फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिल चुकी है,अब विवि स्तर पर उनकी जांच शुरू की गई है। विवि ने इन संस्थानों के निरीक्षण के लिए स्थानीय जिला प्रशासन को पत्र भेजा है, और निरीक्षण की पूरी रिकॉर्डिंग की जाएगी, जिसे विवि की स्क्रीनिंग कमेटी ऑनलाइन देखेगी।
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