Wetlands For Life : ​फिल्म फेस्टिवल में पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा- वैटलैंड मानव जाति के लिए बेहद जरूरी

​फिल्म फेस्टिवल में पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा- वैटलैंड मानव जाति के लिए बेहद जरूरी
UPT | बीबीएयू में वेटलेंड्स फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल में बोलते मंत्री अरुण कुमार सक्सेना।

Aug 01, 2024 18:07

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय 'वेटलेंड फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल का आगाज हुआ। इस दौरान वेटलेंड के संरक्षण पर जोर दिया गया ।

Aug 01, 2024 18:07

Short Highlights
  • बीबीएयू में  'वेटलेंड्स फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल का आगाज
  • वैटलैंड्स के संरक्षण पर दिया गया जोर
Lucknow News : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय 'वेटलेंड फॉर लाइफ' फिल्म फेस्टिवल का आगाज हुआ। इस दौरान वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.अरुण कुमार सक्सेना ने वेटलेंड के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पानी मनुष्य की मूलभूत जरुरतों में से एक है। इसके लिए वैटलैंड्स मानव जाति के लिए बेहद जरूरी है। दूसरी ओर विभिन्न प्रकार की जैव विविधता, प्रवासी पक्षी के पलायन और कार्बन सिंक के क्षेत्र में वैटलैंड्स की अहम भूमिका है। सरकार के साथ जनता‌ का भी दायित्व है कि‌ वह वेटलैंड्स संरक्षण के क्षेत्र में आगे आकर कार्य करे।

वैटलैंड्स के सदुपयोग से किसान बढ़ा सकते हैं आय
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एनएमपी वर्मा ने कहा कि वैटलैंड्स का संरक्षण और उसका सदुपयोग करके कृषि से होने वाली आय को बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ अन्य रोजगार के साधनों को विकसित किया जा सकता है। इस विरासत को आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने के लिए सभी को जागरूकता अभियान को एक बड़ी मुहिम बनाना होगा।

फिल्में लोगों को जागरुक करने का आसान जरिया
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी प्रकार के मीडिया माध्यमों, विशेष रूप से फिल्मों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि पर्यावरण और समाज से जुड़े मुद्दों पर बनी फिल्मों के माध्यम से लोगों को आसानी से जागरूक किया जा सकता है क्योंकि फिल्में लोगों तक पहुंचने का एक आसान माध्यम है। प्रदेश सरकार के प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट (वाइल्ड लाइफ) संजय श्रीवास्तव ने वैटलैंड्स को एक प्रकार का विशिष्ट पारिस्थितिकीय तंत्र बताया।  जोकि पर्यावरण संरक्षण, जीविकोपार्जन, पृथ्वी पर उपस्थित जल चक्र, प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी, उपयोगी वनस्पतियों एवं औषधीय पौधों के उत्पादन में सहायक होता है।  

वैटलैंड्स को आर्थिक रूप से उपयोगी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सेक्रेटरी आशीष तिवारी ने‌ वैटलैंड्स को आर्थिक रूप से उपयोगी होने के कारण हितधारकों के लिए भी महत्वपूर्ण बताया। साथ ही वैटलैंड्स बहुमूल्य पर्यावरणीय विशेषताओं के धनी होने के साथ-साथ सभी जैविक प्राणियों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आवश्यक है। अरविंद विक्रम चौधरी ने भारत में वैटलैंड्स से संबंधित रामसर स्थल की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही कीर्तिमान अवस्थी ने वैटलैंड्स के संरक्षण एवं उससे संबधित लघु उद्योगों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला।

जलवायु परिवर्तन से संबंधी फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मों की स्क्रीनिंग की गयी। जो आर्द्रभूमि, पानी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्रित थी। साथ ही नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन-फिल्म प्रोडक्शन मुंबई के सीनियर मैनेजर रितेश तकसंदे के निर्देशन में 'सामाजिक प्रभाव फिल्म निर्माण' विषय पर एक त्रिदिवसीय मोजो कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 'जीवन की नदियां: जल और आद्र भूमि' विषय पर‌ पैनल चर्चा का‌ आयोजन किया गया।

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