अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया पटेल ने नजूल विधेयक को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
नजूल बिल पर सियासी संग्राम : प्रवर समिति को भेजे जाने के बाद अनुप्रिया पटेल की मांग, सरकार विधेयक वापस ले
Aug 02, 2024 00:18
Aug 02, 2024 00:18
अनुप्रिया ने कहा विधेयक वापस ले सरकारउत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
— Anupriya Patel (@AnupriyaSPatel) August 1, 2024
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा, "नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है। व्यापक विमर्श के बिना लाए गए नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि यह विधेयक न सिर्फ गैरजरूरी है, बल्कि आमजन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है।" उन्होंने आगे लिखा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने जताई थी असहमति
इस विधेयक को लेकर सियासी उठापटक तब शुरू हुई जब इसे विधान परिषद में भेजा गया। बुधवार को यह विधेयक विधानसभा से पास हुआ था, लेकिन विधान परिषद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस पर असहमति जताते हुए इसे प्रवर समिति को भेजने की मांग की। सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने इस मांग को स्वीकार कर लिया और विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया।
भाजपा के विधायकों ने भी किया विरोध
विधानसभा में इस विधेयक पर जमकर बहस हुई थी। विपक्षी दलों के अलावा बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी इसका विरोध किया था। विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्षवर्धन वाजपेयी के साथ ही कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह ने भी अपनी असहमति जाहिर की थी। इसके बावजूद, यह विधेयक विधानसभा में पास हो गया था।
नजूल भूमि विधेयक लटका
नजूल भूमि विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के बाद यह माना जा रहा है कि फिलहाल यह विधेयक लटक गया है। प्रवर समिति में इस विधेयक पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा और संशोधनों के बाद ही इसे दोबारा विधान परिषद में पेश किया जाएगा।
क्या है नजूल बिल?
सदन में पेश किए गए नजूल बिल में राज्य सरकार की जमीनों की बात हो रही है। विभिन्न स्थानों पर इसका आवंटन अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। कई बार नजूल की जमीन कब्जे के आधार पर भी आवंटित की जाती है। समय-समय पर नजूल की जमीनों को फ्री होल्ड भी किया जाता है। लेकिन इस बार के बिल में यह स्पष्ट था कि जो भी जमीन लीज की अवधि पूरी कर चुकी है उसे फ्री होल्ड नहीं किया जाएगा। सरकार इस जमीन को कब्जेदार से वापस लेकर उसका उपयोग करेगी। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के सदस्य भी नजूल बिल का विरोध कर रहे हैं।
Also Read
22 Nov 2024 10:00 PM
अवध की शाम शुक्रवार को पजाबी रंग में तब रंगी जब लोकगायक मास्टर सलीम ने अपने सुरों का जलवा बिखेरा। मौका था सोनचिरैया फाउंडेशन की ओर से आयोजित चौथे देशज कार्यक्रम का। और पढ़ें