डीजीपी ने कहा कि मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसे लेकर एफआईआर दर्ज होने के बाद जब पुलिस भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार बरामदगी के लिए गिरफ्तार पांचों अभियुक्तों को ले जा रही थी, तो दो अभियुक्तों ने भागने की कोशिश की।
बहराइच एनकाउंटर : डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया क्यों मारी गई आरोपियों को गोली, भाजपा बोली- अखिलेश वोट बैंक के लालच में अंधे
Oct 17, 2024 19:17
Oct 17, 2024 19:17
अभियुक्तों के भागने पर पुलिस ने की फायरिंग
डीजीपी ने कहा कि मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसे लेकर एफआईआर दर्ज होने के बाद जब पुलिस भारत-नेपाल सीमा के पास हथियार बरामदगी के लिए गिरफ्तार पांचों अभियुक्तों को ले जा रही थी, तो दो अभियुक्तों ने भागने की कोशिश की। भागने की कोशिश करते समय गोली चलाई गई। इस दौरान मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद तालीम घायल हो गए। वहीं अब्दुल हमीद, फहीम और अब्दुल अफजल को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। स्थिति नियंत्रण में है।
बहराइच हिंसा में दो आरोपियों के एनकाउंटर में घायल होने पर ओपी राजभर बोले- अभी तो गोली लगी है और कुछ लगेगा।@CMOfficeUP @myogiadityanath @AmitabhYash @Uppolice @bahraichpolice @oprajbhar@SBSP4INDIA#BahraichViolence #bahraichhinsa #BahraichPolice pic.twitter.com/iExBVxuJrY
— sanjay singh (@sanjay_media) October 17, 2024
भाजपा का हमला : अखिलेश यादव सही और गलत का नहीं कर पा रहे भेद
उधर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के इस एनकाउंटर पर सवाल उठाने और भविष्य में जांच में दोषियों के जेल जाने के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया। पार्टी ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव वोट बैंक के लालच में इतने अंधे हो गए हैं कि वो सही और गलत का भेद भी नहीं कर पा रहे हैं। बहराइच हिंसा के शिकार हुए राम गोपाल मिश्रा के परिवार के लिए संवेदना के दो शब्द तक नहीं बोल पाए, लेकिन हत्यारों के एनकाउंटर पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। पार्टी ने कहा कि प्रदेश की जनता लाल टोपी वालों के दोहरे चरित्र से भली भांति परिचित है। अब इनसे और अधिक सावधान रहने की जरूरत है।
सपा अध्यक्ष बोले- बहराइच की घटना प्रशासनिक और सरकार की असफलता
इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश भर में लगातार बहराइच जैसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एनकाउंटर, हाफ एनकाउंटर की नई परिभाषाएं सरकार ने बनाई हैं। अगर एनकाउंटर से ही कानून व्यवस्था में सुधार हो रहा होता तो आज प्रदेश की कानून व्यवस्था और राज्यों से अच्छी होती। अखिलेश यादव ने कहा कि बहराइच की घटना प्रशासनिक और सरकार की असफलता है। पुलिस की जानकारी में होने के बावजूद शांतिपूर्वक कार्यक्रम को संपन्न नहीं कराया जा सकता। एनकाउंटर हाफ एनकाउंटर डराने के लिए हैं। सरकार नफरत को बढ़ावा दे रही है। इससे पहले मंगेश यादव एनकाउंटर पर सवाल उठे तो सरकार ने बैलेंस करने के लिए क्षत्रिय को भी मार दिया। कहीं भी बैलेंस करने के लिए जान नहीं ली जाती।
रोकी जा सकती थी बहराइच हिंसा
सपा अध्यक्ष ने कहा कि जो घटना हुई है वो दुखद है। ऐसी घटनाएं समाज में न हों। हम परिवार को न्याय दिलाने के लिए काम करेंगे। सरकार अंग्रेजों के नारे डिवाइड एंड रूल पर काम कर रही है। घटना हुई नहीं है कराई गई है, जान गई है, लेकिन घटना कराई किसने है? उन्होंने कहा कि बहराइच हिंसा रोकी जा सकती थी लेकिन घटना क्यों हुई इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस सरकार ने बिगाड़ दिया है और जब कभी भी इन घटनाओं की जांच होगी तो बहुत से दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी।
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के बयान का किया जिक्र
अखिलेश यादव ने पूर्व पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इसी सरकार के सबसे पहले डीजीपी ने कहा था कि जो पुलिस आज एनकाउंटर कर रही है, उनके साथ कल कोई खड़ा नहीं होगा।
सुलखान सिंह पुलिस पर दबाव में एनकाउंटर का लगा चुके हैं आरोप
दरअसल सुलखान सिंह ने बीते दिनों सरकार और उच्च अधिकारियों पर एनकाउंटर को लेकर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में एनकाउंटर करने वाले पछताएंगे। पुलिसकर्मी जांचों में उलझकर रह जाएंगे। एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मियों का कोई साथ नहीं देगा। उन्होंने कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल खड़े किए। पूर्व डीजीपी ने कहा कि लगभग ढाई सौ पुलिस अधिकारी जेलों में सड़ रहे हैं। इनकी कोई मदद करने वाला या बचाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में फर्जी एनकाउंटर मामले में 12 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज हुई। गाजीपुर के एक मामले में घटना के 22 साल बाद पुलिसकर्मियों को सजा सुनाई गई थी। सीतापुर की एक मुठभेड़ के मामले में घटना के 25 साल बाद पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। पीलीभीत में खूंखार आतंकवादियों को मुठभेड़ में मारने वाले 45 पुलिस अधिकारियों को उम्रकैद की सजा हुई।
बूढ़े और रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों की सजा नहीं की गई माफ
पूर्व डीजीपी ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार ने बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इन बूढ़े और रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों की सजा माफ नहीं की। हाई कोर्ट से भी जमानत नहीं हुई। जो सरकारें और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने अधीनस्थों पर नाजायज दबाव डालकर फर्जी मुठभेड़ करवाते हैं, फंसने पर वो कोई मदद नहीं करते। उन्होंने कहा कि जब मुकदमा सजा के लेवल पर आता है तब तक ये पुलिस अधिकारी बूढ़े और रिटायर्ड हो चुके होते हैं। कोई आगे पीछे नहीं होता। इन्हें इनकी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया जाता है। पुलिस अधिकारी अभी भी नहीं चेते तो बाल-बच्चे तक रोएंगे। नैतिकता का तकाजा है कि पुलिस स्वयं अपराधी नहीं बने।
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