मुख्यमंत्री को बताया गया कि बहराइच के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में दंगे के समय पुलिस बल की संख्या अपर्याप्त थी। इस पर यह सवाल उठे कि क्या पहले से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे, और यदि किए गए थे, तो उन्हें सही तरीके से लागू क्यों नहीं किया गया? मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इस मामले में सख्त जवाब तलब किया है।
बहराइच हिंसा पर सीएम योगी को सौंपी गई रिपोर्ट : घटनास्थल से दूर खड़े रहे अफसर-फोर्स की कमी, अब होगी सख्त कार्रवाई
Oct 20, 2024 20:34
Oct 20, 2024 20:34
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया कि दंगे के दौरान पुलिस अधिकारी दंगों को नियंत्रित करने में असफल क्यों रहे। मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि कुछ अधिकारी घटनास्थल से दो किलोमीटर दूर पुलिस बल के साथ क्यों खड़े थे? एक और गंभीर मुद्दा यह था कि जब हिंसा शुरू हुई, तो एक अधिकारी ने खुद को दुकान में छिपा लिया था। इन सभी लापरवाहियों पर मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया है।
प्रशासनिक चूक पर सवाल
मुख्यमंत्री को बताया गया कि बहराइच के मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में दंगे के समय पुलिस बल की संख्या अपर्याप्त थी। इस पर यह सवाल उठे कि क्या पहले से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे, और यदि किए गए थे, तो उन्हें सही तरीके से लागू क्यों नहीं किया गया? मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से इस मामले में सख्त जवाब तलब किया है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने दी स्थिति की जानकारी
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बहराइच दौरे के दौरान की स्थिति का ब्यौरा मुख्यमंत्री को दिया। उन्होंने दंगे के दौरान उठाए गए कदमों और हालात की पूरी जानकारी दी। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
ध्वस्तीकरण और नोटिस पर भी चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री को बहराइच में पीडब्ल्यूडी द्वारा लगाए गए ध्वस्तीकरण के नोटिस और उस कार्रवाई के प्रबंधों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से गहन चर्चा की और भविष्य में इससे निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की बात कही।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की हिंसा
बीते रविवार की शाम बहराइच के रेहुआ मंसूर गांव के 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में सबसे आगे चल रहे थे। जब यह जुलूस महराजगंज बाजार के एक समुदाय विशेष के इलाके से गुजरा, तब नारेबाजी और डीजे बजाने को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। यह विवाद जल्द ही हिंसा में बदल गया।
हिंसा के दौरान फेंके गए पत्थर, हुई गोलीबारी
इस दौरान छतों से पत्थर फेंके गए, जिससे विसर्जन जुलूस में भगदड़ मच गई। भगदड़ के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें रामगोपाल मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत बहराइच मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। रामगोपाल की मौत की खबर से माहौल और अधिक उग्र हो गया और इलाके में हिंसा बढ़ गई।
मुख्यमंत्री की सख्त कार्रवाई के संकेत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही को लेकर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
बहराइच हिंसा मामले में 26 अन्य आरोपी भेजे गए जेल
इस बीच बहराइच हिंसा मामले में पुलिस ने 26 अन्य आरोपियों को भी जेल भेज दिया है।
प्रकरण में कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 88 हो गई है। इन सभी की संलिप्तता हिंसा भड़काने में पाई गई थी।
ये आरोपी भेजे गए जेल
- अलताफ पुत्र असलम
- अनवर हुसैन पुत्र अंसार अहमद
- तालिब पुत्र जहिद
- नफीस पुत्र रमजान
- नौसाद पुत्र आमीन
- सलाम बाबू पुत्र मुनऊ
- गुलाम यश पुत्र दानिश
- अनवार अशरत पुत्र मो. तुफैल
- मो. एहशान पुत्र मो. अली
- मोअली पुत्र मो शफी
- दोस्त मोहम्मद पुत्र नजीर अहमद
- मो जाहिद पुत्र अब्दुल शाहिद
- शुद आलम पुत्र गुलाम सैय्यद
- मो इमरान पुत्र मो नसीम
- जिशान अदिल पुत्र मो नसीम
- रिजवान पुत्र तलीफ
- फुलकान पुत्र लतीफ
- इमरान पुत्र लतीफ
- समसुद्दीन पुत्र अयुब
- इमरान पुत्र अनवर
- मेराज पुत्र भग्गन
- आमीर पुत्र पीर आमीर
- शाहजादे पुत्र गुलाम
- मो. मौसीन पुत्र मो. नसीम
- शहजादे पुत्र मो. शमीम
- सलमान पुत्र मो. शमीम
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