मुख्यमंत्री बोले : 2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था, आज बिना देरी के जरूरतमंदों को मिलता है

2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था, आज बिना देरी के जरूरतमंदों को मिलता है
Uttar Pradesh Times | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Jan 06, 2024 19:45

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था। जनपदों में गरीबों का खाद्यान्न पर डाका डाला जाता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80000 से अधिक राशन की उचित दर की दुकानें हैं।

Jan 06, 2024 19:45

Short Highlights

- यूपी की सार्वजनिक वितरण प्रणाली आज देश में सबसे उत्कृष्ट 
- सीएम योगी ने राज्य सूचना आयोग के नए ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप का किया शुभारंभ 
 

Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि 2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था। जनपदों में गरीबों का खाद्यान्न पर डाका डाला जाता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80000 से अधिक राशन की उचित दर की दुकानें हैं। राज्य में हमारी सरकार बनते ही हमने राशन की सभी दुकानों पर एक साथ छापा मरवाया, जिसमें 30 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले। जिनके नाम पर राशन तो निकलता था, लेकिन किसी जरूरतमंद को नहीं मिलता था।

राज्य सूचना आयोग के नए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली आज देश में सबसे उत्कृष्ट है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को आरटीआई भवन में राज्य सूचना आयोग की शिकायतों एवं द्वितीय अपीलों की ई-फाइलिंग एवं ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के लिए ऑनलाइन पोर्टल (CATS-UPSIC) एवं मोबाइल ऐप (कंप्लेंट व अपील ट्रैकिंग सिस्टम-उ. प्र. स्टेट इन्फॉर्मेशन कमीशन) का शुभारंभ किया। 

अब ऑनलाइन दर्ज हो जाएंगी शिकायतें 
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग राशन की उचित दर की दुकान से खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं। उन्हें बिना किसी घटतौली और देरी के खाद्यान्न प्राप्त हो रहा है। इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकि किसी व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। सीएम योगी ने कहा कि इस ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप के शुरू हो जाने से किसी भी व्यक्ति को अपनी शिकायतों के लिए राज्य सूचना आयोग के दफ्तर नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसके सूचना आयोग के पास शिकायतों के निस्तारण के लिए अपना साफ्टवेयर और एप है।

तीन साल में 1 लाख 10 हजार से अधिक मामलों का हुआ निस्तारण
सीएम योगी ने कहा कि पिछले तीन वर्ष के अंदर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा 110000 से अधिक मामलों का निस्तारण हुआ है। 85000 नए मामले सामने आए हैं। अगर तकनीकि का सही इस्तेमाल करते हुए बेहतर टीम वर्क के साथ कार्य किया गया तो आने वाले समय में सभी मामलों का निस्तारण समयबद्ध ढंग से हो जाएगा। साथ ही हम इसे जीरो पेंडेंसी तक पहुंचाने में सफल रहेंगे। सीएम योगी ने कहा कि ई हियरिंग आज समय की मांग है, लेकिन क्लर्क लोग इसे होने नहीं देंगे क्योंकि वह इन्हीं चीजों का दुरुपयोग करते हैं। हमें पूरी शक्ति के साथ इस दिशा में आगे बढ़ना पड़ेगा तभी एक सामान्य नागरिक का लोकतंत्र में विश्वास मजबूत होगा।

2017 तक राजस्व विभाग में 12 लाख मामले लंबित थे
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो राजस्व विभाग में वरासत, नामांतरण और पैमाइश के 12 लाख मामले लंबित थे। हमने इस दिशा में मिशन मोड में कार्य करना शुरू किया और अगले दो महीनों के अंदर लाखों मामलों का निस्तारण हो गया। फिर इस दिशा में हमने आईजीआरएस पोर्टल विकसित किया, जिससे राजस्व विभाग से जुड़े मामलों के निस्तारण में तेजी आई। उन्होंने कहा कि आम जनमानस की समस्याओं के समाधान के लिए हमारी सरकार ने सीएम हेल्प लाइन 1076 शुरू  की। इससे तीव्र गति से लोगों की समस्याओं का निस्तारण होने लगा। सीएम योगी ने कहा सिर्फ आईजीआरएस पोर्टल और सीएम हेल्प लाइन के माध्यम से 2017-18 में 22 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण करने में सफल रहे। इसी से ईज ऑफ लिविंग का रास्ता भी प्रारंभ होता है। कार्यक्रम के दौरान राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त भावेश कुमार सिंह, प्रदेश के सूचना आयुक्त और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

 
 

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