प्राइवेट अस्पतालों और सेंटर पर बेरा जांच का खर्च लगभग ढाई से तीन हजार रुपये आता है, लेकिन बलरामपुर अस्पताल में यह सेवा अब मुफ्त में उपलब्ध होगी। राजधानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही अस्पताल में बेरा मशीन लगाई जाएगी।
लखनऊ के इस सरकारी अस्पताल में जल्द शुरू होगा बेरा टेस्ट : गरीबों को मिलेगी राहत, जानें क्यों है खास
Sep 23, 2024 11:35
Sep 23, 2024 11:35
सरकारी अस्पताल में पहली बार मिलेगी यह सुविधा
प्राइवेट अस्पतालों और सेंटर पर बेरा जांच का खर्च लगभग ढाई से तीन हजार रुपये आता है, लेकिन बलरामपुर अस्पताल में यह सेवा अब मुफ्त में उपलब्ध होगी। राजधानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही अस्पताल में बेरा मशीन लगाई जाएगी, जो सुनने की समस्या से पीड़ित मरीजों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगी। इसके साथ ही, मेडिकल और दिव्यांगता बोर्ड के तहत आने वाले मरीजों की भी जांच यहां की जा सकेगी। अब तक मरीजों को इस जांच के लिए चिकित्सा संस्थानों में रेफर किया जाता था, जहां जांच के लिए 6 महीने से लेकर एक साल तक इंतजार करना पड़ता था।
जांच की सुविधा जल्द होगी शुरू
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के मुताबिक अस्पताल में बेरा टेस्ट की सुविधा शुरू करने के लिए ध्वनि रोधक कक्ष तैयार किया जा रहा है। एक से डेढ़ महीने के भीतर इस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद मरीजों को सुनने की क्षमता की जांच के लिए लंबे इंतजार का सामना नहीं करना पड़ेगा।
क्या है बेरा टेस्ट और क्यों है महत्वपूर्ण?
बेरा जांच यानी ब्रेन स्टेम इवोक्ड रिस्पॉन्स ऑडियोमेट्री (B.E.R.A.) सुनने की क्षमता के आकलन के लिए किया जाने वाला एक तकनीकी परीक्षण है। इसमें मरीज के कान में ध्वनि भेजी जाती है और श्रवण तंत्रिका की प्रतिक्रिया मापी जाती है। यह जांच आमतौर पर नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में सुनने की समस्याओं का पता लगाने के लिए की जाती है, खासकर तब जब शिशु जन्म के समय सुनने की स्क्रीनिंग में फेल हो जाता है। इस प्रक्रिया से यह पता लगाया जाता है कि सुनने की क्षमता में समस्या तंत्रिका तंत्र के किस हिस्से में है, जिससे सुनने के उपचार की दिशा निर्धारित की जा सके।
एक घंटे की जांच में सुनने की क्षमता का पता लगाते हैं चिकित्सक
इस जांच में लगभग एक घंटा लगता है, और इसे करने के बाद यह पता चलता है कि मरीज की सुनने की क्षमता सामान्य है या उसमें कोई विकार है। बलरामपुर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से अब मरीजों को उच्च स्तरीय सुनने की जांच सेवाएं मिल सकेंगी, और उन्हें निजी केंद्रों पर जांच कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
बलरामपुर हॉस्पिटल में जांच से गरीब तबके को मिलेगी राहत
निजी और सरकारी केंद्रों के बीच का अंतर अभी तक बेरा जांच केवल बड़े चिकित्सा संस्थानों में ही हो पाती थी, जिसके लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ता था। निजी अस्पतालों में इसकी लागत भी अधिक होती है। बलरामपुर अस्पताल में इस जांच के शुरू होने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को विशेष राहत मिलेगी, जो महंगी निजी सेवाओं का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं।
लखनऊ के आसपास के जिलों के मरीजों को भी मिलेगा लाभ
अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक इस पहल से न सिर्फ लखनऊ बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को भी फायदा होगा। श्रवण समस्या वाले लोगों के लिए यह एक बड़ा कदम है, जो सुनने की क्षमता में कमी का जल्दी और सही निदान पाने में सहायक सिद्ध होगा।