यूपी में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के प्रभावी संचालन में लखीमपुर खीरी, एटा, सहारनपुर, मेरठ और बुलंदशहर शीर्ष पर हैं। योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में सभी जनपदों को 17.86 करोड़ रुपये की राशि आवांटित की है। प्र
UP News : बेटी बचाओ-बेटी बढ़ाओ योजना में यूपी के इन पांच जिलों का बेहतरीन प्रदर्शन, 17.86 करोड़ आवंटित
Nov 28, 2024 17:38
Nov 28, 2024 17:38
17.86 करोड़ आवंटित
प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने सभी जनपदों को योजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए 17.86 करोड़ रुपये की राशि आवांटित की है। इसके माध्यम से योजना के अनुरूप जिलों में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने समेत मिशन शक्ति 5.0 के अतर्गत विभिन्न कार्यक्रम तथा प्रचार-प्रसार व जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन कर रही हैं।
लखीमपुर खीरी समेत इन पांच जनपदों का बेतहरीन प्रदर्शन
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के संचालन में प्रदेश के सभी जिले लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं लखीमपुर खीरी, एटा, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर जिले अपने बजट आवंटन के सापेक्ष 60 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक व्यय कर योजनाओं के बेहतर संचालन कर प्रदेश में शीर्ष स्थान पर हैं।
26.60 लाख से अधिक आधी आबादी को किया गया जागरुक
राज्य के सभी 75 जिलों योजना के अंतर्गत जागरूकता से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसके अंतर्गत जन्म के समय लिंगानुपात के अनुसार ही जनपदों को धनराशि का आवंटन किया जा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 23,184 गतिविधियों के माध्यम से 26.60 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया। इस योजना के अंतर्गत योगी सरकार बालिकाओं को शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी उच्च शिक्षा को सुनिश्चित करने में कामयाब हो रही है।
योजना के संचालन में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले
जिला आवंटन व्यय व्यय प्रतिशत
लखीमपुर खीरी 2,340,000 2,334,365 99.76
एटा 2,340,000 1,813,602 77.50
सहारनपुर 2,340,000 1,714,255 73.26
मेरठ 1,560,000 1,027,691 65.88
बुलंदशहर 1,560,000 984,632 63.12
यूपी में महिलाओं की आबादी में इजाफा
यूपी में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आबादी में इजाफा हुआ है। इसकी गवाही राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) 2020-21 के आंकड़े दे रहे हैं। प्रजनन दर में कमी आई है और लिंगानुपात बढ़ा है। प्रजनन दर 2.7 से घटकर 2.4 हो गई है। यानी जनसंख्या में अब कम बढ़ोतरी हुई है। वहीं, लिंगानुपात यानी प्रति एक हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या बढ़ी है। अब प्रदेश में हर एक हजार पुरुषों पर 1020 महिलाएं हैं। एनएफएचएसके आंकड़ों में ये भी निकलकर सामने आया है कि सेक्स रेशियो में सुधार शहरों की तुलना में गांवों में ज्यादा बेहतर हुआ है। गांवों में हर एक हजार पुरुषों पर 1,037 महिलाएं हैं, जबकि शहरों में 985 महिलाएं हैं। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के सख्त उपाय और परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरुकता का यह नतीजा है।
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