ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह सोमवार को भव्य आयोजित किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल हुए। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उपस्थित रहीं।
भाषा विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह : दुनिया की 100 टॉप यूनिवर्सिटी में यूपी से चार, आनंदीबेन पटेल बोलीं- मेहनत करें तो अमेरिका से होंगे आगे
Nov 18, 2024 16:09
Nov 18, 2024 16:09
इसमें विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के साथ कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल हुए। समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उपस्थित रहीं। उनके साथ सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीआईपीईटी) के निदेशक प्रो. शिशिर सिन्हा, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी भी मौजूद रहे।
केंद्र सरकार से यूनिवर्सिटीज को 740 करोड़ वित्तीय मदद
राज्यपाल ने बताया कि दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटीज में यूपी की चार यूनिवर्सिटी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम और मेहनत करें तो अमेरिका की यूनिवर्सिटीज से भी आगे जा सकते हैं। यूपी की यूनिवर्सिटीज को क्यूएस रैंकिंग में स्थान मिला है, जिनमें से कुछ सरकारी यूनिवर्सिटीज हैं, यूनिवर्सिटीज को A+ और A++ रेटिंग मिली है, और इन यूनिवर्सिटीज को केंद्र सरकार से 740 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद मिल रही है। इसके अलावा राज्य में सुपर कंप्यूटर अब उपलब्ध है, और यह पुणे, दिल्ली, कोलकाता के बाद अब बेंगलुरु में भी देखा जा सकता है।
26 नवंबर को मनाया जाएगा संविधान दिवस
राज्यपाल ने मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए भारत सरकार की योजनाओं को देखने और उनका लाभ उठाने की बात की। उन्होंने यह भी बताया कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाएगा और सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलरों को पहले ही सूचना भेजी जा चुकी है कि इस दिन एक आयोजन जरूर किया जाए, जिसके बाद राजभवन में सभी का सम्मान किया जाएगा।
1421 डिग्रियां और 149 मेडल वितरित
दीक्षांत समारोह में 1421 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। साथ ही, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 149 छात्रों को पदक देकर सम्मानित किया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुल 61 स्वर्ण, 45 रजत और 43 कांस्य पदक वितरित किए। इस मौके पर छात्रों और उनके परिजनों का उत्साह देखने लायक था। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उनके योगदान की सराहना की।
शोध, नवाचार और सामाजिक पहल में अहम योगदान
कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सत्र में 73 शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दो राष्ट्रीय और दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के पेटेंट हासिल किए गए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की सामाजिक और शैक्षणिक पहलों का भी उल्लेख किया। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में ज्ञान पाठशाला की शुरुआत, चार टीबी रोगियों के इलाज में सहयोग और 50 छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ वैक्सीन देने जैसे प्रयास शामिल हैं।
शिक्षा से राष्ट्र निर्माण पर जोर
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, शिक्षा का मकसद समाज और देश को जोड़ना है। उन्होंने कहा कोई ऐसी शिक्षा नहीं हो सकती जो देश के टुकड़े होंगे के नारे लगवाए। रेल की पटरियों पर अवरोध डाल दे। शिक्षा इंसान बनाती है। इंसानियत को अपनाना सिखाती है। हैवान नहीं बनाती। राष्ट्र के दायित्व के निर्वाहन का बोध सिखाती है।
भाषाओं का संरक्षण और विकास जरूरी
समारोह में भाषाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने भाषाओं को जीवित रखने के लिए उनकी पढ़ाई और बोली जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा जब हम किसी भाषा को पढ़ना और बोलना बंद कर देते हैं, तो वह भाषा धीरे-धीरे विलुप्त हो जाती है। हमें अपनी भाषाई धरोहर को सहेजने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों की सफलता का जश्न
समारोह में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले छात्रों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। स्वर्ण पदक पाने वालों में मो. जबीहुल्लाह, सुबम कुमार सिंह, अतुल यादव, ऋतु वर्मा, श्रेया तोमर और निकिता श्रीवास्तव जैसे होनहार नाम शामिल हैं। इन छात्रों की मेहनत और लगन को राज्यपाल और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने सराहा।
भविष्य की योजनाएं और संदेश
सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रो. शिशिर सिन्हा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युवा भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का आधार है। उन्होंने कहा भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी है। स्टार्टअप और नवाचार के साथ आपको लगातार सीखते रहना चाहिए। शिक्षा केवल डिग्री तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे जीवन में लागू करने की जरूरत है। कुलपति ने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय में पांच क्षेत्रीय भाषाओं में नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। साथ ही, भाषा विज्ञान का कोर्स और "लीगल एड सेंटर" की स्थापना की जाएगी, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
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