Lucknow News : कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को नहीं लगाने होंगे चक्कर, सरकारी अस्पताल एक बार में देंगे महीनेभर की दवा

कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों को नहीं लगाने होंगे चक्कर, सरकारी अस्पताल एक बार में देंगे महीनेभर की दवा
UPT | Balrampur Hospital

Oct 19, 2024 20:07

एनएचएम की इस नई व्यवस्था से उन मरीजों को विशेष लाभ होगा, जो दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आते हैं। उन्हें बार-बार अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एक बार में ही उन्हें लंबी अवधि की दवा मिल जाएगी।

Oct 19, 2024 20:07

Lucknow News : राजधानी के सरकारी अस्पतालों में शुगर, ब्लड प्रेशर (बीपी) और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बड़ी राहत दी गई है। अब उन्हें बार-बार दवा लेने के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की टीम ने निर्देश दिए हैं कि ऐसे मरीजों को एक बार में ही एक महीने की दवा दी जाएगी, जिसे वे नियमित रूप से ले सकेंगे। इससे न सिर्फ मरीजों को सहूलियत होगी, बल्कि अस्पतालों में भी भीड़ कम होने की संभावना है।

एनसीडी क्लीनिक का संचालन और निरीक्षण
बलरामपुर अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए क्लीनिक का संचालन हो रहा है, जहां शुगर, बीपी, स्ट्रोक, हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर) और तीन प्रकार के कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता है। शनिवार को एनएचएम की टीम ने बलरामपुर अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक का निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि मरीजों को केवल 10 से 15 दिनों की दवा दी जा रही थी, जो अपर्याप्त है। टीम ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि शुगर, बीपी और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को एक महीने की दवा दी जाए।



दूर-दराज से आने वाले मरीजों को मिलेगा लाभ
एनएचएम की इस नई व्यवस्था से उन मरीजों को विशेष लाभ होगा, जो दूर-दराज के इलाकों से इलाज के लिए आते हैं। उन्हें बार-बार अस्पताल आने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एक बार में ही उन्हें लंबी अवधि की दवा मिल जाएगी। यह कदम न केवल मरीजों के समय और ऊर्जा की बचत करेगा, बल्कि उन्हें यात्रा की असुविधा से भी बचाएगा। साथ ही, अस्पताल में बार-बार जाने से होने वाली भीड़ में भी कमी आएगी।

अन्य बीमारियों के मरीजों के लिए अब भी सीमित दवाएं
हालांकि, यह सुविधा सिर्फ शुगर, बीपी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों के लिए है। दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को अभी भी केवल पांच से सात दिनों की दवाइयां दी जा रही हैं। यह व्यवस्था फिलहाल उन बीमारियों के लिए लागू नहीं की गई है, जो कम गंभीर हैं।

मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर किया फैसला
बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि शुगर, बीपी और स्ट्रोक के मरीजों को एक महीने की दवाएं दी जा रही हैं। यह निर्णय मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है, ताकि उन्हें बार-बार अस्पताल आने की परेशानी से छुटकारा मिल सके।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
एनएचएम की इस पहल को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मरीजों को लंबी अवधि की दवाएं उपलब्ध कराना न केवल उनकी भौतिक और मानसिक स्थिति में सुधार लाएगा, बल्कि अस्पतालों पर भी दबाव कम करेगा। यह व्यवस्था राज्य के अन्य अस्पतालों में भी जल्द लागू की जा सकती है।

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