केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं की जरूरतों के आधार पर पांच प्रतिशत से अधिक चेक मीटर भी लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जल्द ही स्मार्ट मीटर से संबंधित समस्याओं का समाधान हो, ताकि चेक मीटर लगाने की आवश्यकता ही न रहे।
यूपी में चेक मीटर के मानकों का किया जाएगा पालन : केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर बोले- शंकाओं का करेंगे समाधान
Nov 14, 2024 18:22
Nov 14, 2024 18:22
यूपी में 3.45 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य
केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, उपभोक्ताओं के परिसर में 5 प्रतिशत पुराने मीटरों को चेक मीटर के रूप में स्थापित करना अनिवार्य है। हालांकि, प्रदेश में इस महीने के पहले सप्ताह तक बिजली कंपनियों की अनदेखी के चलते केवल 350 से 375 चेक मीटर ही लगाए गए हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की चिंताओं के समाधान के लिए, सरकार ने चेक मीटर लगाने के नियमों का पालन करने का निर्णय किया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान यह भरोसा दिलाया कि उपभोक्ताओं की शंकाओं को दूर करने के लिए पांच प्रतिशत चेक मीटर लगाए जाएंगे। दरअसल प्रदेश में 3.45 करोड़ विद्युत उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल निधि कुमार नारंग ने हाल ही में जीएमआर, पोलारिस और इंटेली स्मार्ट के सीईओ को नोटिस भेजते हुए स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कमियों में तत्काल सुधार करने का निर्देश जारी किए हैं। यह तीनों कंपनियां इसी कंपनी का स्मार्ट प्रीपेड मीटर उत्तर प्रदेश में लगा रहे हैं।
जरूरत पड़ने पर अधिक मीटर भी लगाए जाएंगे
ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं की जरूरतों के आधार पर पांच प्रतिशत से अधिक चेक मीटर भी लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जल्द ही स्मार्ट मीटर से संबंधित समस्याओं, शंकाओं का समाधान हो, ताकि चेक मीटर लगाने की आवश्यकता ही न रहे।
पहले चरण में सरकारी कार्यालयों में मीटर लगाने की योजना
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, सरकारी कालोनियों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इन मीटरों के लगने से लाइन लॉस में कमी आएगी और इससे बिजली कंपनियों को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बिजली कंपनियों के घाटे का असर आम उपभोक्ता पर पड़ता है, इसलिए यह कदम जरूरी है।
ग्रीन और क्लीन एनर्जी की दिशा में कदम
ऊर्जा मंत्री ने थर्मल पावर प्लांट पर निर्भरता कम करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अब समय ग्रीन और क्लीन एनर्जी का है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2035 के बाद देश पूरी तरह सोलर, रिन्यूवेबल, हाइड्रो और न्यूक्लियर एनर्जी की ओर रुख करेगा। न्यूक्लियर एनर्जी के आठ प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है और 20 अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश का लाइन लॉस घटकर 16.5 प्रतिशत पर आ गया है, जबकि इसमें और सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन और सिटी ट्रांसपोर्ट में प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की।
रैपिड रेल परियोजना की प्रगति यहां तक पहुंची
ऊर्जा मंत्री ने रैपिड रेल परियोजना पर भी जानकारी दी और कहा कि फिलहाल इसका विस्तार पश्चिमी यूपी में किया जा रहा है। दिल्ली से मेरठ तक की 42 किलोमीटर की लाइन का काम पूरा हो चुका है और बाकी का कार्य जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली से पानीपत और दिल्ली से अलवर तक भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा और नगर विकास मंत्री एके शर्मा भी उपस्थित थे।
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