लखनऊ पुलिस के मुताबिक मोहित पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण अनिश्चित पाया गया है। इस वजह से विस्तृत जांच के लिए विसरा को संरक्षित किया गया है।
चिनहट पुलिस कस्टडी में मौत : इंस्पेक्टर निलंबित-उपनिरीक्षक भरत पाठक को मिली कमान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं हुई मौत की वजह
Oct 27, 2024 20:44
Oct 27, 2024 20:44
विधायक योगेश शुक्ला ने दो बार परिजनों से की मुलाकात, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से कराई बात
राजधानी में बीते 15 दिनों में पुलिस कस्टडी में मौत को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में है। इस पर भी उसके इंस्पेक्टर पर अपने ही थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज किया जाने की वजह से खाकी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट विपक्षी दलों के निशाने पर है। मोहित के परिजनों ने रविवार को भी सड़क पर अपनी नाराजगी जाहिर की। विधायक योगेश शुक्ला ने परिजनों से आवास और पोस्टर्माटम हाउस जाकर दो बार मुलाकात की और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से फोन पर बातचीत भी कराई। डिप्टी सीएम ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया है। जनता में रोष के कारण पुलिस विभाग पर दबाव बढ़ गया है।
चिनहट थाने के लॉकअप का CCTV फुटेज होनेा का दावा, जिसमें मोहित पांडेय की हालत बिगड़ने की बात कही जा रही है।
— sanjay singh (@sanjay_media) October 27, 2024
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मायावती बोलीं- समाज में क्रूरता और अन्याय की भावना को मिलता है बढ़ावा
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मोहित पांडेय की हिरासत में मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सरकार से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने सोशल साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज में क्रूरता और अन्याय की भावना को बढ़ावा मिलता है, जो अत्यंत निंदनीय है। मायावती ने इस घटना को प्रदेश में बढ़ते अपराध का प्रतीक बताते हुए सरकार से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अखिलेश यादव का आरोप- कस्टोडियल डेथ में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस थाने अब अत्याचार गृह बन गए हैं। उन्होंने कहा कि थानों में जनता अपनी शिकायत और परेशानी लेकर आती है। लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। पुलिस शिकायत करने वाले पर ही अत्याचार कर रही है। समाजवादी पार्टी ने पहले दिन से कहा है कि कस्टोडियल डेथ में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि पहले विकासनगर में अमन गौतम की पुलिस ने जान ली। अब गोमतीनगर में एक और युवक मोहित पांडेय की जान ले ली गई। अगर राजधानी लखनऊ में जान ली जा रही है तो प्रदेश के अन्य हिस्सों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रियंका गांधी का भाजपा पर तीखा हमला
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में कहा कि यूपी में पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और अगली सुबह एक की मौत हो गई। एक पखवाड़े में यूपी पुलिस की हिरासत में यह दूसरी मौत है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर दी। यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम किया है जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है। जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
पुलिस ने अपनी सफाई में कही ये बात
उधर पुलिस की ओर से इस मामले में कहा गया कि चिनहट और विकासनगर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर कमिश्नरेट लखनऊ पुलिस पूर्ण रूप से संवेदनशील है और पारदर्शिता के साथ कर्त्तव्यरत है। हम जन सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने हेतु निष्पक्ष और व्यावसायिक कार्यप्रणाली के प्रति पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। पुलिस के मुताबिक चिनहट प्रकरण में मोहित पांडेय की तबियत बिगड़ने पर उन्हें सीएचसी चिनहट में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई, जहां से उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया और चिकित्सकीय परीक्षणों के उपरांत उन्हें मृत घोषित किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण अनिश्चित पाया गया है और विस्तृत जांच के लिए विसरा को संरक्षित किया गया है। परिवार की तहरीर पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित है।
विकासनगर में कार्डियोजेनिक शॉक से हुई मौत, सीसीटीवी फुटेज में मारपीट के आरोप साबित नहीं
इससे पहले विकासनगर क्षेत्र में अमन गौतम की गिरफ्तारी के दौरान तबियत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकीय परीक्षण में मृत्यु का कारण कार्डियोजेनिक शॉक निर्धारित हुआ। घटनास्थल पर उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज और अब तक के गवाहों के बयान से यह स्पष्ट हुआ है कि हिरासत में किसी भी प्रकार का अनुचित या गैर-कानूनी व्यवहार नहीं हुआ। इस प्रकरण में भी विवेचना प्रचलित है। कमिश्नरेट लखनऊ पुलिस मृतकों के परिवारों को पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ जांच का आश्वासन देती है। यदि किसी भी अधिकारी की दोषपूर्ण भूमिका पाई जाती है, तो उसके विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मानवाधिकार आयोग व अन्य संबंधित एजेंसियों को भी इन घटनाओं की सूचना दी जा चुकी है और हम इस जांच में पूरी निष्पक्षता के साथ जुटे हुए हैं।
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