विभागीय जांच समाप्त होने से हिमांशु कुमार को बड़ी राहत मिली है। 2010 बैच के आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार वर्तमान में मणिपुर हिंसा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच टीम के मेंबर हैं। 2020 में शुरू हुई जांच के दौरान हिमांशु कुमार पर गंभीर आरोप लगे थे।
UP News : आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार को बड़ी राहत, रुपये लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग के आरोप में विभागीय जांच समाप्त
Nov 18, 2024 13:30
Nov 18, 2024 13:30
2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं हिमांशु कुमार
अब विभागीय जांच समाप्त होने की बात सामने आई है। इससे हिमांशु कुमार को बड़ी राहत मिली है। 2010 बैच के आईपीएस अफसर हिमांशु कुमार वर्तमान में मणिपुर हिंसा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच टीम (SIT) के मेंबर हैं। 2020 में शुरू हुई जांच के दौरान हिमांशु कुमार पर गंभीर आरोप लगे थे। इसके तहत विभागीय अधिकारियों ने उनकी भूमिका की विस्तार से जांच की। सरकार ने मामले की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विजिलेंस विभाग को भी सक्रिय किया। जांच में हिमांशु कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। इस निष्कर्ष पर पहुंचते हुए, सरकार ने उनके खिलाफ सभी जांच को बंद करने का फैसला किया है।
आईपीएस वैभव कृष्ण के आरोप से पुलिस महकमे में मची थी हलचल
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर रुपये देकर ट्रांसफर और पोस्टिंग करवाने का आरोप लगाया। उनके इन आरोपों ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने विभागीय और विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट का परीक्षण कराकर उसे शासन को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया। विजिलेंस की क्लीन चिट मिलने के बाद से ही हिमांशु कुमार को राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया था।
इन अफसरों पर लगाए गए थे आरोप
गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने जनवरी, 2020 में शासन को गोपनीय पत्र लिखकर पांच आइपीएस अफसरों डॉ. अजय पाल शर्मा, हिमांशु कुमार, सुधीर कुमार सिंह, राजीव नारायण मिश्रा और गणेश शाहा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
डीजी विजिलेंस की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की जांच
इसके बाद शासन ने पांचों आइपीएस अफसरों को उनके पदों से हटा दिया गया था। एक आपत्तिजनक वीडियो के मामले में शासन ने नौ जनवरी, 2020 को तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण को निलंबित कर दिया था। जबकि तत्कालीन डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित कर पांचों आइपीएस अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच कराई गई थी। एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में डॉ.अजय पाल शर्मा व हिमांशु कुमार के विरुद्ध विजिलेंस जांच की संस्तुति की थी। बाकी तीन आइपीएस अफसरों को राहत मिल गई थी।
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