कुकरैल नदी को नाला बनाकर लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया। चार दशक में कब्जा इतना बढ़ गया कि न केवल यह नदी, बल्कि पर्यावरण के लिए चुनौती बन गया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने कुकरैल को नदी बनाने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी। आठ हजार से अधिक अनधिकृत कब्जों को हटाया। दोषियों को दंडित किया और कइयों को पुनर्वास किया।
Lucknow News : लखनऊ में नाइट सफारी बनाने से पहले कुकरैल नदी को करेंगे जीवित, सीएम योगी का ऐलान
Jun 26, 2024 21:47
Jun 26, 2024 21:47
- प्रदेश में पिछले वर्ष 48 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे
- ईको टूरिज्म पर संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने की शिरकत
यूपी में आबादी से दोगुना आए पर्यटक
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते साल 48 करोड़ पर्यटक आए थे। इस लिहाज से प्रदेश की आबादी की लगभग दोगुनी संख्या पर्यटक यहां पहुंच। ज्यादातर पर्यटक स्प्रिचुअल टूरिज्म के लिए आए थे। 2023 में काशी में यह संख्या 10 करोड़ से अधिक थी। मथुरा-वृंदावन में साढ़े सात करोड़ और अयोध्या में पांच करोड़ से अधिक थी। 500 वर्षों के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम के विराजमान होने के बाद यह संख्या कई गुना बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन डेढ़-दो लाख पर्यटक अयोध्या धाम आ रहे हैं।
लंबे समय तक याद आएगी जून की गर्मी
सीएम योगी ने कहा कि जून की गर्मी देश-प्रदेशवासियों को लंबे समय तक याद आएगी। तापमान बहुत तेजी से बढ़ रहा था। लोग असहाय और असमंजस की स्थिति में थे। इसके लिए उत्तरदायी हम सबकी स्वार्थी गतिविधियां ही हैं। स्वयं के स्वार्थ के लिए प्रकृति के दोहन की प्रवृत्ति के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई।
कनेक्टिविटी के लिए किए गए प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के लिए सरकार ने प्रयास प्रारंभ किए हैं। लखीमपुर में पुरानी एयरस्ट्रिप का एयरपोर्ट के रूप में विकास करने जा रहे हैं। पिछली बार इस क्षेत्र में होलीडे ट्रेन चलाने की व्यवस्था रेलवे के माध्यम से प्रारंभ की। इसे अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास है। स्थानीय निवासियों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित करें। वहां बनने वाली सुविधाओं से जोड़ें तो ईको टूरिज्म को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के जनपदों में अलग-अलग संभावनाएं हैं। ईको क्षेत्र में टूरिज्म डवलपमेंट का नया बोर्ड सरकार ने गठित किया है। यह नई संभावनाओं को बढ़ाएगा। काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन में स्प्रिचुअल दृष्टि से होम स्टे की व्यवस्था करते हैं तो यही कार्य ईको टूरिज्म को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में करें, इससे ग्रामीणों के लिए भी रोजगार सृजन की संभावना भी बनेगी।
स्प्रिचुअल की तरह ईको टूरिज्म को बढ़ाने में होंगे सफल
बांदा के कालिंजर, जालौन व बस्ती में ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं। यह संभावना पीलीभीत, खीरी, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, चित्रकूट समेत कई जनपदों में भी बन सकती है, जहां पहले से ईको सिस्टम मौजूद है। सरकार कनेक्टिवटी और पॉलिसी के तहत आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा सकती है। अलग-अलग क्षेत्रों व जनपदों में ईको टूरिज्म की संभावनाओं को बोर्ड के साथ जुड़कर आगे बढ़ाएंगे तो स्प्रिचुअल टूरिज्म की तरह हम लोग ईको टूरिज्म को भी आगे बढ़ाने में सफल होंगे।
यूपी ईको टूरिज्म विकास बोर्ड के लोगो का किया अनावरण
इस मौके पर सोनभद्र में सलखन जीवाश्म पार्क को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की मान्यता मिले, इसके लिए ईको टूरिज्म विकास बोर्ड एवं बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान लखनऊ के मध्य एमओयू भी किया गया। नई ईको पर्यटन इकाई स्थापित करने वाले जालौन के केशवेंद्र सिंह, मनीष मल्होत्रा समेत तीन लोगों को सीएम ने सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में ईको पर्यटन पर लघु फिल्म भी दिखाई गई। इस अवसर पर सीएम ने उप्र ईको टूरिज्म विकास बोर्ड के लोगो का अनावरण किया।
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