धीरेंद्र शास्त्री पर फूल के साथ माेबाइल फेंका : झांसी में पदयात्रा के दौरान हमले की अफवाह, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने किया इनकार

झांसी में पदयात्रा के दौरान हमले की अफवाह, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने किया इनकार
UPT | झांसी में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पर हमले की अफवाह

Nov 26, 2024 17:34

झांसी में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री पर हमले की अफवाह फैल गई। यात्रा के दौरान एक मोबाइल उनके गाल पर लगने से यह अफवाह उड़ी। धीरेंद्र शास्त्री ने खुद इस घटना से इनकार किया और कहा कि कोई हमला नहीं हुआ।

Nov 26, 2024 17:34

Jhansi News : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता' यात्रा में मंगलवार को एक अजीब घटना हुई। यात्रा के दौरान किसी व्यक्ति ने फूलों के साथ मोबाइल फेंका जो सीधे धीरेंद्र शास्त्री के चेहरे पर आकर लगा। इस घटना के बाद अफवाहें फैल गईं कि धीरेंद्र शास्त्री पर हमला हुआ है।

हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री ने खुद इस घटना से इनकार किया और कहा कि यह कोई जानबूझकर हमला नहीं था। उन्होंने कहा, "फूल फेंकते समय किसी श्रद्धालु का मोबाइल गलती से आकर लगा था। किसी तरह की साजिशें नहीं चल रही हैं।" उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने उन्हें सूचित किया कि हमले की अफवाहें फैल रही हैं।

इस घटना के बाद यात्रा में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया। पुलिस को भी इस घटना की सूचना दी गई। धीरेंद्र शास्त्री ने लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को शांत कराया और कहा कि उन्हें किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।

गृहयुद्ध की चेतावनी
इस घटना के अलावा, धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी यात्रा के दौरान गृहयुद्ध की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया तो देश में गृहयुद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा, "आठ से नौ राज्यों में तो भयंकर गृहयुद्ध होगा, जिसमें लाखों की जनहानि होगी। देश को गृहयुद्ध से बचाना जरूरी है।"

यात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र शास्त्री की यह यात्रा 'सनातन हिंदू एकता' को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निकाली गई है। यह यात्रा कई राज्यों से होकर गुजर रही है और इसका उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा का आज छठा दिन है।
  • यात्रा के दौरान अब तक लगभग 80 किलोमीटर की दूरी तय की जा चुकी है।
  • यात्रा का मंगलवार को उत्तर प्रदेश में दूसरा दिन था।

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