वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण और त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए जुलाई 2024 में संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान के द्वितीय चरण को प्रारम्भ किया जा रहा है।
UP News : जुलाई माह से संचारी रोग नियंत्रण-दस्तक अभियान का प्रारम्भ, मांगी गई रिपोर्ट
Jun 16, 2024 18:05
Jun 16, 2024 18:05
- 1 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान
- 11 जुलाई से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान की शुरुआत
जुलाई माह से शुरू होगा रोग नियंत्रण अभियान
वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण और त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के लिए जुलाई 2024 में संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान के द्वितीय चरण को प्रारम्भ किया जा रहा है। 1 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 11 जुलाई से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान प्रदेशभर में चलाया जाएगा। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है और अधिकारियों को इसके पालन के निर्देश दिए गए हैं। नगर विकास विभाग ने भी नगरीय निकायों को कार्ययोजना को लागू करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों को कार्ययोजना को अमल में लाने के निर्देश
नगर विकास विभाग के दिशा-निर्देशों के तहत, नगरीय निकाय निदेशालय ने समस्त नगर आयुक्तों, जल संस्थान के महाप्रबंधकों और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को कार्ययोजना को अमल में लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, 28 जून तक नगर निगमों, नगर पालिकाओं और समस्त नगर पंचायतों को माइक्रोप्लान जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान के दौरान किए गए कार्यों की संकलित रिपोर्ट भी शासन को उपलब्ध कराई जानी है।
रोगों के उपचार और साफ-सफाई, मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान
नगरीय निकायों के अधिकारियों और कर्मियों को दिमागी बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और साफ-सफाई के संबंध में जानकारी दी जाएगी। मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से निरंतर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग, उच्च जोखिम क्षेत्रों में सघन वेक्टर नियंत्रण और स्वच्छता के उपायों पर जोर दिया जाएगा। साथ ही, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग और मच्छरों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी संचालित किए जाएंगे।
रोगजनित गतिविधियों की रोकथाम के लिए दिये गए निर्देश
हैंडपंपों के पास अपशिष्ट जल के निकासी हेतु सोक पिट का निर्माण और पेयजल की गुणवत्ता की निगरानी के लिए जांच अनिवार्य की जाएगी। संवेदनशील आबादी समूहों में अपनी गतिविधियों को केंद्रित करने और खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, संवेदनशील क्षेत्रों में विभागीय गतिविधियों की प्रगति का भौतिक प्रगति के अभिलेखीकरण के साथ दस्तावेजीकरण किया जाएगा।
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