मुख्य सचिव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी विभागों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कितने कर्मचारियों की मृत्यु हुई और उनके आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है। जिन विभागों ने अभी तक आश्रितों को नौकरी नहीं दी है, उन्हें इसके कारण भी बताने होंगे।
UP News : कोरोना के दौरान मृत कर्मियों के कई आश्रितों को अब तक नहीं मिली नौकरी, मुख्य सचिव ने तलब की रिपोर्ट
Nov 16, 2024 14:07
Nov 16, 2024 14:07
विभागों को बताना होगा कारण
मुख्य सचिव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी विभागों को स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कितने कर्मचारियों की मृत्यु हुई और उनके आश्रितों को अनुकंपा आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है। जिन विभागों ने अभी तक आश्रितों को नौकरी नहीं दी है, उन्हें इसके कारण भी बताने होंगे।
2019 में महामारी से हुई थी कई मौतें
2019 में कोविड-19 महामारी ने कई सरकारी कर्मियों की जान ली थी। राज्य सरकार ने निर्देश दिए थे कि ऐसे कर्मचारियों के परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें बकाया भुगतान और आश्रितों को नौकरी देना शामिल था। हालांकि कई विभागों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते कई आश्रित अभी भी नौकरी के इंतजार में हैं।
मुख्य सचिव कार्यालय तक पहुंची शिकायतें
कुछ आश्रितों ने मुख्य सचिव कार्यालय को पत्र लिखकर यह शिकायत की है कि उन्हें बिना वजह नौकरी के लिए दौड़ाया जा रहा है। इन शिकायतों के आधार पर मुख्य सचिव ने सभी विभागों से जानकारी मांगी है कि उनके यहां ऐसी कितनी घटनाएं हुईं और उनका निपटारा क्यों नहीं हुआ।
विभागों से मांगी गई विस्तृत जानकारी
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि सभी विभागों को जवाब देना होगा कि कोविड-19 महामारी के दौरान कितने सरकारी कर्मियों की मृत्यु हुई। क्या मृतक कर्मियों के परिवार के सदस्य अनुकंपा नौकरी के पात्र हैं। अगर पात्र हैं, तो उन्हें नौकरी क्यों नहीं मिली और उसकी वजह क्या है। इसके अलावा, मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि पात्र आश्रितों को जल्द से जल्द नौकरी देते हुए इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत की जाए।
लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
अगर किसी भी विभाग ने अनुकंपा नौकरी देने में कोताही बरती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। यह आदेश जारी होने के बाद से ही कई विभागों में हलचल मच गई है और अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। सरकार के इस कदम से उन परिवारों को राहत की उम्मीद है जो लंबे समय से नौकरी के इंतजार में हैं। मुख्य सचिव की इस सख्ती से आश्रितों को नियमों के मुताबिक सहायता मिलना संभव हो सकेगा।
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