यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया। उन्होंने हिंसा के लिए सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
विधानमंडल शीतकालीन सत्र में संभल हिंसा पर बहस : सपा विधायक इकबाल महमूद ने सरकार पर फोड़ा ठीकरा, बोले- मुसलमानों को दोषी ठहराना उचित नहीं
Dec 16, 2024 17:51
Dec 16, 2024 17:51
मुस्लिम समाज में भय का माहौल
विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि संभल में पुलिस और प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और स्थिति को बेकाबू होने दिया। प्रशासन के आधार पर दंगे का जिम्मेदार मुसलमानों को ठहराना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि संभल में हुई घटना ने मुस्लिम समाज में भय का माहौल पैदा किया है। उन्होंने संभल में मुस्लिम बहुल इलाके में 46 साल पुराने मंदिर का पता चलने के मामले में कहा कि मंदिर जस का तस है। जब मंदिर का ताला खोला गया तो उसमें एक भी देवी-देवाताओं की मूर्ति खंडित नहीं थी। इसकी जानकारी मंदिर के पुजारी से कर सकते हैं। 2006 तक मंदिर में पूजा हुई है। इस मामले में सियासत की जा रही और मुख्यमंत्री को भ्रमित किया जा रहा है।
मुसालमनों से छीन ली वोट की ताकत
इकबाल महमूद ने यूपी में विधानसभा उपचुनाव में मुसलमानों को वोट डालने से रोकने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में मुसालमनों से वोट की ताकत छीन ली गई। प्रशासन के अधिकरियों ने मिलकर मुसलमानों को वोट डालने नहीं दिया। चेयरमैन और प्रधान के घर पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया। इस पर पर्दा डालने के लिए संभल की घटना कराई गई। संभल हिंसा में 2700 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सरकार ने ये सब जानबूझकर कराया। उन्होंने कहा कि मुसलमानों से इतनी ही परेशानी है तो उनसे वोट देने का अधिकार ही छीन लिजिए। लेकिन सरकार ऐसा भी नहीं कर सकती। चूंकि फिर हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर वोट कैसे मांगेगी।
प्रदेश में अमन शांति बनाए रखें
सपा विधायक ने कहा कि प्रदेश में अमन-शांति और भाईचारा बना रहे, हिन्दू-मुस्लिम विवाद न हो यह सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार को किसी भी जाति, समुदाय और धर्म के लोगों को आपस में नहीं लड़ाना चाहिए। राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुसलमानों को दूर न करें। राजनीति में सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर संविधान के अनुसार काम करेगी तो विपक्ष पूरा सहयोग करेगा।
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