इस घटना में केवल युवती को ही नहीं, बल्कि उसके परिजनों को भी निशाना बनाया गया। आरोपी युवक ने युवती के परिजनों की फोटो भी एडिट कर उन्हें आपत्तिजनक बनाकर पोस्ट कर दीं। उसने सिर्फ यह फोटो ही वायरल नहीं की बल्कि कुछ फोटो को युवती के मंगेतर और अन्य रिश्तेदारों को भी भेज दिया, जिससे उनके परिवार की छवि धूमिल हो।
सिरफिरे युवक की करामात : युवती के फोटो इस्तेमाल कर बनाई अश्लील वीडियो, इंस्टाग्राम पर डालकर रिश्ता तोड़ने की साजिश, एफआईआर
Nov 06, 2024 16:07
Nov 06, 2024 16:07
परिवार को भी बनाया निशाना
इस घटना में केवल युवती को ही नहीं, बल्कि उसके परिजनों को भी निशाना बनाया गया। आरोपी युवक ने युवती के परिजनों की फोटो भी एडिट कर उन्हें आपत्तिजनक बनाकर पोस्ट कर दीं। उसने सिर्फ यह फोटो ही वायरल नहीं की बल्कि कुछ फोटो को युवती के मंगेतर और अन्य रिश्तेदारों को भी भेज दिया, जिससे उनके परिवार की छवि धूमिल हो। इस घटना के कारण पूरा परिवार मानसिक तनाव से गुजर रहा है और न्याय की मांग कर रहा है। अमीनाबाद निवासी बुजुर्ग ने arisha_kidwai268 नाम की इंस्टाग्राम की आईडी चलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
फर्जी आईडी डिलीट करने की चाल
युवती और उसके परिवार पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के बाद आरोपी ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी को डिलीट कर दिया। पुलिस को संदेह है कि आरोपी ने साइबर सुरक्षा के खतरों का लाभ उठाकर साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश की है। परिजनों के लगाए गए आरोप के अनुसार, आरोपी ने कई धमकी भरे मैसेज भी लोगों को भेजे ताकि युवती को अधिक से अधिक बदनाम किया जा सके।
साइबर सेल की जांच में जुटी पुलिस
पीड़ित परिवार द्वारा मामले की शिकायत लखनऊ के साइबर थाने में दर्ज कराई गई है। साइबर सेल प्रभारी ब्रजेश यादव ने बताया कि एफआईआर के बाद मामले की गहन जांच की जा रही है। पुलिस आरोपी का पता लगाने की कोशिश कर रही है और घटना में शामिल सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को खंगाल रही है।
साइबर अपराध के बढ़ते मामले, पुलिस लोगों को कर रही जागरूक
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में साइबर अपराधों की गंभीरता को उजागर कर दिया है। युवाओं के बीच सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे तकनीक का दुरुपयोग किसी की जिंदगी को बर्बाद कर सकता है। लखनऊ पुलिस साइबर क्राइम के मामले में लगातार एक्शन ले रही है। वहीं ऐसे मामलों को रोकने के लिए लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। समाज में साइबर सुरक्षा की समझ विकसित करने के लिए पुलिस डिजिटल अरेस्ट को लेकर भी लोगों को समझा रही है। राजधानी में बीते कुछ समय से डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों से करोड़ों की रकम वसूलने के मामले सामने आ चुके हैं। लखनऊ पुलिस के मुताबिक गलती करने पर पुलिस डिजिटली नहीं फिजिकली अरेस्ट करती है। डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान किसी कानून में नहीं है। सतर्कता व जागरूकता बचाव का तरीका है, कोई संदिग्ध कॉल आए तो ट्रांजेक्शन करने से पहले थोड़ा सोचिए व एक्शन लेकर 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
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