उत्तर प्रदेश के ई प्रमुख शहर ई प्रमुख शहर की समस्या से जूझ रहे हैं, जिसमें नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी और मेरठ सबसे आगे हैं।
बिल्डरों की वादाखिलाफी : यूपी के ये पांच शहर रियल एस्टेट सेक्टर में धोखाधड़ी से परेशान, नोएडा-गाजियाबाद टॉप पर
Jul 05, 2024 11:52
Jul 05, 2024 11:52
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उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक शिकायतें
आंकड़े बताते हैं कि देश भर के रेरा में दर्ज कुल शिकायतों का लगभग 38 प्रतिशत अकेले उत्तर प्रदेश से आता है। यह आंकड़ा चिंताजनक है और राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र की स्थिति पर गहरा प्रश्नचिह्न लगाता है। यूपी रेरा में अब तक 54,560 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 46,345 का निपटारा किया जा चुका है। इस प्रक्रिया में लगभग 1,200 बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ये होती हैं बिल्डरों से ग्राहकों की शिकायतें
ग्राहकों की शिकायतों का स्वरूप विविध है। कई लोगों ने फ्लैट के आकार में अंतर, आवंटन में देरी, कारपेट एरिया और सुपर कारपेट एरिया में भिन्नता, वादा की गई सुविधाओं में कमी, अतिरिक्त शुल्क की मांग और अचानक दरों में वृद्धि जैसी समस्याओं का सामना किया है। ये समस्याएँ न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बनती हैं, बल्कि ग्राहकों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।
रेरा ने की पारदर्शिता बढ़ाने की पहल
इन चुनौतियों से निपटने के लिए, यूपी रेरा ने कई नवीन पहल की हैं। एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, अब परियोजना पंजीकरण प्रमाण पत्र में एक विशेष क्यूआर कोड शामिल किया गया है। यह कोड ग्राहकों को सीधे रेरा पोर्टल पर परियोजना की जानकारी देखने की सुविधा देता है। यह पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहकों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इसके अतिरिक्त, यूपी रेरा ने शिकायतकर्ताओं को रेरा के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सुविधा भी प्रदान की है। यह व्यवस्था विभिन्न प्रकार के मामलों जैसे समझौते, धनराशि की वापसी, और कब्जे से संबंधित विवादों के समाधान में मदद करती है।
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600 करोड़ रुपये से ज्यादा के संपत्ति विवाद सुलझे
यूपी रेरा ने संपत्ति विवादों के समाधान में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रेरा ने शिकायतकर्ताओं को आदेशों के अनुपालन का अनुरोध करने की सुविधा प्रदान की है। इसमें पीठ के समक्ष समझौते, प्रोमोटर-आवंटी समझौते, धनराशि वापसी, और कब्जे से संबंधित मामले शामिल हैं। विशेष रूप से, यूपी रेरा कंसिलिएशन फोरम ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। फोरम ने 1500 से अधिक मामलों में 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के संपत्ति विवादों का समाधान किया है। यह पहल रियल एस्टेट क्षेत्र में विवादों के शीघ्र और प्रभावी निपटारे में मददगार साबित हुई है, जिससे ग्राहकों और बिल्डरों के बीच विश्वास बढ़ा है।
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