चार बार का विधायक, गायिका से दुष्कर्म का आरोप : जानिए वसूली एजेंट से माफिया बनने वाले विजय मिश्रा की कहानी

जानिए वसूली एजेंट से माफिया बनने वाले विजय मिश्रा की कहानी
UPT | विजय मिश्रा

Mar 28, 2024 18:17

कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh) ने जेल में बंद प्रदेश के टॉप दस अपराधियों की लिस्ट (UP Gangsters List) जारी की थी। जिसमें बाहुबली से रेपिस्ट करार किए पूर्व विधायक विजय मिश्रा का नाम भी शामिल...

Mar 28, 2024 18:17

Short Highlights
  • विजय मिश्रा पर सामूहिक दुष्कर्म समेत कुल 83 आपराधिक मामले दर्ज
  • आपराधिक गतिविधियों के चलते विजय मिश्रा पर पुलिस से लेकर ED, सब कस चुके नकेल
Ex MLA Vijay Mishra's Story (ज्योति नैन) : भदोही के ज्ञानपुर से विधायक रहे बाहुबली विजय मिश्रा का प्रदेश में इतना दबदबा और खौफ था कि किसी को उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं होती थी। उनके ऊपर अपहरण, रेप, हत्या से लेकर गैंगस्टर, वसूली और धोखाधड़ी का केस समेत कई आपराधिक मामले दर्ज है, फिर भी कानून के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंच पाते थे। कहते है कि हमें अपने कर्मों का फल इसी जन्म में भुगतना पड़ता है। फिर वो घड़ी भी आई जब इस कुख्यात गैंगस्टर के कुकर्मों पर रोक लगी। इसी कड़ी में विजय मिश्रा एक रेप केस में दोषी करार देते हुए 15 साल की सजा सुना जेल भेज दिया गया।

साथ ही आपको बता दें कि कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh) ने जेल में बंद प्रदेश के टॉप दस अपराधियों की लिस्ट (UP Gangsters List) जारी की थी। जिसमें बाहुबली से रेपिस्ट करार किए पूर्व विधायक विजय मिश्रा का नाम भी शामिल था। भदोही में आपराधिक गतिविधियों के चलते पुलिस से लेकर ED, सब विजय मिश्रा पर नकेल कस चुके हैं। लेकिन, विधायक को जेल भेजने वाला केस भदोही के गोपीगंज थाने में दर्ज हुआ। मामला आईपीसी की धारा 376डी, 342 और 506 के तहत दर्ज किया था। जिसमें एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 15 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई थी। फिलहाल, विजय मिश्रा आगरा जेल में बंद है और उनके खिलाफ 83 केस दर्ज हैं। अभी इनमें से केवल तीन मामलों में ही विजय मिश्रा को सजा हुई है।

गायिका से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप
साल 2020 में विजय मिश्रा के खिलाफ एक गायिका ने रेप का केस दर्ज कराया था। उसका आरोप था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में विजय मिश्रा ने उसे अपनी बेटी के चुनाव प्रचार के लिए बुलाया था। जिसके चलते उसकी बेटी 1 जनवरी 2014 को  परफॉर्मेंस के लिए अपने कपड़े बदल रही थी। उसी समय विधायक ने हथियारों के बल पर उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया। जिसके बाद विजय मिश्रा ने लड़की को वाराणसी छोड़ने के लिए अपने बेटे विष्णु और पोते ज्योति मिश्रा को भेज दिया। रास्ते में उन दोनों ने भी उसके साथ रेप किया था। यहीं सिलसिला लगभग 6 साल चलता रहा। जिससे तंग आकर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए 15 साल की कठोर करावास की सजा सुनाई थी।

रेप समेत कुल 83 आपराधिक मामले दर्ज
विजय मिश्रा यूपी के वेस्ट से बंगाल तक जुर्मों अंजाम दिया है। फिलहाल उनके खिलाफ 83 केस दर्ज हैं। उनमें 9 हत्या के, 2 रेप के, 3 गैगंस्टर के, 4 जालसाजी के, 7 शस्त्र अधिनियम के, 9 धमकी के, 2 अपहरण के, 6 जबरन वसूली, 3 गुंड़ा के और एक एक रासुक, खनन, भ्रष्टाचार, एसी/एसटी के मामले दर्ज है। इससे अलग अन्य भी 26 केस दर्ज है। विजय मिश्रा को सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी करार देते हुए 15 साल की सजा हो चुकी है। इससे अलग इन्हें आर्म्स एक्ट में भी दो बार सजा हो चुकी है। 

गरीब परिवार से भदोही में वसूली एजेंट तक का सफर
विजय मिश्रा के काले कारनामें भदोही, मिर्जापुर, प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक में फैले थे। लेकिन, उसका भदोही ही था। वसूली एजेंट से माफिया बनने वाले विधायक का राजनीतिक सफर समझाने के लिए शुरु से शुरु करते है। इसका जन्म प्रयागराज जिले के हंडिया थाने में स्थि खपटिया गांव के गरीब परिवार में हुआ था। लेकिन शातिर दिमाग होने की वजह से लोगों के बीच उसकी अच्छी उठ-बैठ थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से नौकरी की तलाश में वो भदोही आ गए। भदोही में आते ही वह कालीन व्यापारी के वहां वसूली करने की नौकरी करने लगा। उसकी लंबी कदकाठी के चलते लोगों उनसे डरने लगे और तुरंत पैसा दे देते। ऐसे ही विजय मिश्रा कालीन व्यापारियों के बीच मशहूर हो गए। 

वसूली एजेंट से माफिया बनने वाले विधायक का सफर
दरअसल, उस समय पूर्वांचल में ठाकुर और ब्राह्मण की लड़ाई चल रही थी। उसी समय गोरखपुर के नेता हरिशंकर तिवारी ब्राह्मणों में मशहूर थे, लेकिन भदोही और बनारस तक उनकी पहुंच नहीं थी। जिसका फायदा उठा कर विजय मिश्रा ने ब्राह्मणों के बीच अपनी जगह बनानी शुरु की। देखते ही देखते ब्राह्मणों ने विजय को अपना नेता मान लिया। दुसरी तरफ, विजय ने कांग्रेस नेता कमलापति त्रिपाठी के जरिए राजीव गांधी तक से अपने रिश्ते बना लिए। इस तरह देखते ही देखते विजय पहली बार ज्ञानपुर के डीघ से ब्लाक प्रमुख चुने लिए गए। जिससे उन्होंने अपना राजनीति सफर शुरू कर दिया।

मुलायम सिंह से भी थी विजय मिश्रा की नजदीकियां
बता दें कि साल 2000 में विजय मिश्रा की मुलाकात सपा के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह से हुई थी। जिसके बाद विजय के मुलायम सिंह से बढ़ती नजदीकियों का फायदा यूं हुआ कि 2002 में उन्होंने ज्ञानपुर विधानसभा से सपा का टिकट लिया और चुनाव लड़ा। जिसके बाद उनके राजनीतिक करियर को तेजी मिल गई थी। लेकिन, चुनाव के दौरान ज्ञानपुर के तत्कालीन बीजेपी विधायक गोरखनाथ पांडे के भाइयों पर गोली चलाई गई थी, जिसमें एक की मौत और दूसरा भाई गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसके आरोप में विजय मिश्रा समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। विजय मिश्रा चुनाव जीतकर विधायक तो बन गए थे, लेकिन उन्हें भदोही उप जेल जाना पड़ा था। 

चार बार विधायक बने थे विजय मिश्रा
विजय मिश्रा ने मुलायम सिंह से बढ़ती नजदीकियों के बाद ज्ञानपुर, भदोही और मिर्जापुर, तीनों सीट जीत लिया। विजय 2002 में सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत कर पहली बार विधायक बने थे। जेल में रहते हुए विजय मिश्रा ने सपा से 2007 और 2012 से चुनाव लड़ा। और 2017 में निषाद पार्टी से विधायक बने थे।

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