जर्मन लैंग्वेज ट्रेनिंग के बी1 लेवल को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए 32 हेल्थकेयर प्रोफेशनल को सम्मानित किया। जानकारी के अनुसार, इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नर्सों को जर्मनी में सफल करियर...
जर्मन लैंग्वेज ट्रेनिंग प्रोग्राम : 32 युवा हेल्थकेयर प्रोफेशनल का सम्मान, जयंत चौधरी बोले- हर कुशल भारतीय पेशेवर भारत का एम्बेसडर
Jun 23, 2024 19:23
Jun 23, 2024 19:23
- 32 हेल्थकेयर प्रोफेशनल को सम्मानित किया गया
- स्किल इंडिया मिशन के तहत महत्वाकांक्षी रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की गई
- यह कार्यक्रम पेशेवर जर्मन मूल के प्रशिक्षकों द्वारा संचालित है
32 उम्मीदवार हुए उत्तीर्ण
स्किल इंडिया इंटरनेशनल की पहल के तहत दो से तीन महीने का व्यापक रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम उन सभी उम्मीदवारों को दिया गया, जिन्होंने बीएससी नर्सिंग या जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) प्रोग्राम पूरा किया है। यह कार्यक्रम पेशेवर जर्मन मूल के प्रशिक्षकों द्वारा संचालित है और सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागियों को उच्च स्तरीय भाषा शिक्षा मिले। बता दें कि सभी 32 उम्मीदवारों ने टीईएलसी के जरिए B1 जर्मन भाषा प्रशिक्षण उत्तीर्ण किया है। जिसके बाद अब उन्हें प्रमुख अस्पतालों और इम्प्लॉयर्स के साथ रखा जाएगा, यहां उन्हें प्रति माह 2300 से 2700 यूरो (2 लाख रुपये से अधिक) मिलेंगे, जिसमें B2 प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
केंद्रीय मंत्री ने बढ़ाया उत्साह
इस दौरान जयंत चौधरी ने भारतीय नर्सों के लिए जर्मन भाषा प्रशिक्षण की महत्वपूर्णता पर चर्चा की। उन्होंने कहा, भारत के पास बहुत बड़ा जनसांख्यिकीय लाभांश है, जो हमारे देश और ग्रामीण क्षेत्रों को 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने की दिशा में एक स्पष्ट रास्ता है। इसके साथ ही, आज दुनिया में कौशल की कमी भी बढ़ रही है। 2030 तक दुनिया में करीब 8.5 करोड़ अवसर होंगे, जिसमें से बहुत सारे अवसर हमारे युवा प्रोफेशनल्स के लिए होंगे। हमें इन पदों को भरने के लिए सही अप्रोच अपनाना होगा और स्किल इंडिया इंटरनेशनल का उद्योग जगत के साथ मजबूत संबंध इस कमी को पूरा कर सकता है।
उन्होंने ग्लोबल स्किलिंग पावरहाउस के रूप में भारत के मिशन को भी उजागर किया और बताया, विभिन्न देशों में 58,000 से अधिक कुशल भारतीयों की सफल नियुक्ति हुई है। हम उच्च गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण प्रदान करके विदेशों में रोजगार पाने के इच्छुक भारतीय युवाओं का सपना साकार कर रहे हैं। इसके अलावा, सफल उम्मीदवारों को बधाई दी और उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्लेसमेंट ऑफर सौंपा।
जर्मन एम्बेसडर ने की सराहना
वहीं जर्मन एम्बेसडर डॉ. फिलिप एकरमैन ने भारतीय स्किलिंग इकोसिस्टम की सराहना की और आशा जताई कि यह कई अन्य अवसरों की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया, जर्मनी में, विशेष रूप से हेल्थकेयर सेक्टर में, स्किल गैप को पूरा करने के लिए विशेष स्ट्रक्चर्ड माइग्रेशन की आवश्यकता है। हमारे साथी बहुमुखी कार्यक्रम जैसे एनएसडीसी इंटरनेशनल के योगदान से भारत की शिक्षा और प्रशिक्षण की व्यापकता में मदद मिलेगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी के साथ, जर्मन एम्बेसडर डॉ. एकरमैन ने एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और एनएसडीसी के सीईओ श्री वेद मणि तिवारी के साथ एक मिलनसार दृश्य में उम्मीदवारों के लिए हवाई अड्डे तक बस का भ्रमण दिखाया। इस मुहिम में, एनएसडीसी ने भारत को स्किल्ड वर्कर्स के रूप में एक स्थिर स्रोत के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
जर्मन भाषा और स्वास्थ्य सेक्टर में खुले करियर के द्वार
बता दें कि इस भारत-जर्मन साझेदारी ने जर्मन भाषा और स्वास्थ्य सेक्टर में भारतीय नर्सों के लिए एक नई करियर के द्वार खोला है, जिससे न केवल उनकी व्यक्तिगत विकास में मदद मिलेगी बल्कि यह दुनिया भर में कौशल भरपूर भर्ती की मांग को पूरा करने में भी सहायक होगी। यह प्रयास स्किल इंडिया इंटरनेशनल पहल के तहत भारतीय युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो वैश्विक समुदाय में उनकी गति बढ़ाने में सहायक होगा।
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