सेना ने बंधा और फोरलेन सड़क के निर्माण के दौरान विशेष सुरक्षा उपायों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बंधा बनने के बाद कोई भी व्यक्ति या वाहन छावनी क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश न कर सके। इसके लिए एलडीए को संबंधित क्षेत्र में बैरिकेडिंग करने की जिम्मेदारी दी गई है।
Lucknow News : पिपराघाट से शहीद पथ तक बनेगा ग्रीन कॉरिडोर, सेना की जमीन के बदले एलडीए को करना होगा ये काम
Nov 14, 2024 12:12
Nov 14, 2024 12:12
बारिश में जलभराव से मिलेगी राहत
इस परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य छावनी क्षेत्र में बरसात के मौसम में जलभराव से स्थायी रूप से निजात दिलाना है। इसके साथ ही, यह कॉरिडोर छावनी क्षेत्र में रहने वाले सैन्य अधिकारियों और आम नागरिकों के लिए एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित करेगा।
परियोजना का विवरण और मंजूरी की प्रक्रिया
एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार के अनुसार, ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के तहत गोमती नदी के दाहिने तट पर 5.8 किलोमीटर लंबे पलड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाएगा। बंधा का 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र से गुजरता है, जिसके लिए सैन्य भूमि की जरूरत थी। इस संबंध में सितंबर में दिल्ली के साउथ ब्लॉक स्थित सैन्य मंत्रालय में परियोजना का प्रस्तुतिकरण किया गया था।
सेना की इन शर्तों का करना होगा पालन
सैन्य मंत्रालय ने परियोजना को मंजूरी तो दी है, लेकिन इसके साथ कुछ विशेष शर्तें भी रखी हैं। सेना ने कहा है कि बंधा के निर्माण के दौरान मिट्टी की खोदाई सेना की भूमि से नहीं की जाएगी। इसके अलावा, बंधा बनने के बाद यह छावनी क्षेत्र को दो हिस्सों में बांट देगा, इसलिए तीन अंडरपास और रोटरी विकसित करने की शर्त भी रखी गई है।
सुरक्षा मानकों पर विशेष ध्यान
सेना ने परियोजना में सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि बंधा और सड़क बनने के बाद कोई भी व्यक्ति या वाहन छावनी क्षेत्र में अवैध प्रवेश न कर सके। इसके लिए बंधा के साथ बैरिकेडिंग और सुरक्षा उपायों को लागू करने की सिफारिश की गई है।
दिलकुशा से लिंक के लिए विशेष व्यवस्था
सेना के निर्देशों के अनुसार, ग्रीन कॉरिडोर से दिलकुशा तक सुगम आवागमन के लिए एक लिंक रोड विकसित की जाएगी। इसके लिए एलडीए ने पहले से ही बंधे के एलाइनमेंट में आवश्यक बदलाव कर लिए हैं।
Also Read
14 Nov 2024 10:19 PM
लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गुरूवार को प्राधिकरण भवन स्थित कार्यालय में फरियादियों की समस्याएं सुनीं। और पढ़ें