हाईकोर्ट में पेश हुए हरदोई के जिलाधिकारी : मोबाइल फोन स्विच ऑफ रखने पर दी सफाई, जानें मामला

मोबाइल फोन स्विच ऑफ रखने पर दी सफाई, जानें मामला
UPT | High Court Lucknow Bench

Oct 22, 2024 14:15

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस अब्दुल मोइन की एकल पीठ ने हरदोई के जिलाधिकारी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता से कहा कि जिलाधिकारी से पूछकर बताया जाए कि याची के लाइसेंस रिन्यू एप्लिकेशन पर अभी तक कोई आदेश क्यों नहीं किया गया।

Oct 22, 2024 14:15

Lucknow News : उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के सामने मंगलवार को हरदोई के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में बताया कि नेटवर्क में तकनीकी समस्या की वजह से उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था। वहीं विस्फोटक लाइसेंस नवीनीकरण से संबंधित जिस प्रकरण को लेकर बात की जा रही है, उसमें लाइसेंस रिन्यू करने का आर्डर 15 अक्टूबर को दिया गया है। हाईकोर्ट ने उन्हें अब अपना मोबाइल फोन ऑन रखने की हिदायत दी। इस पर जिलाधिकारी ने अपनी सहमति जताई।

हाईकोर्ट की नाराजगी
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस अब्दुल मोइन की एकल पीठ ने हरदोई के जिलाधिकारी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता से कहा कि जिलाधिकारी से पूछकर बताया जाए कि याची के लाइसेंस रिन्यू एप्लिकेशन पर अभी तक कोई आदेश क्यों नहीं किया गया। इस पर अधिवक्ता ने कहा कि जिलाधिकारी से संपर्क करने पर उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था। इस पर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को 22 अक्टूबर को हाजिर होने का आदेश दिया था। 



जिलाधिकारी का फोन बंद रखने पर कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि यह दुखद स्थिति है कि जिले के मुखिया का फोन बंद था, जिससे आपातकालीन स्थिति में उनसे संपर्क नहीं किया जा सकता था। कोर्ट ने इस पर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण देने को कहा कि आखिर किन परिस्थितियों में उनका फोन बंद था और सरकारी वकील के प्रयासों के बावजूद उनसे संपर्क क्यों नहीं हो पाया।

याचिकाकर्ता की समस्या
वादी नजाकत अली ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि फरवरी 2024 से उनका विस्फोटक लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया गया है। 1989 में उन्हें यह लाइसेंस मिला था, जिसे समय-समय पर नवीनीकृत किया जाता रहा। 29 फरवरी 2024 को नवीनीकरण के लिए आवेदन करने के बाद भी उन्हें कोई आदेश नहीं मिला। आठ महीने बीत जाने के बाद भी जिलाधिकारी से कोई कार्रवाई नहीं होने पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से निर्देश लेने को कहा।

याचिकाकर्ता की आजीविका पर पड़ा असर
कोर्ट ने डीएम को तलब करते हुए कहा कि त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की आजीविका पर असर पड़ा है। इस दौरान उन्हें अपनी व्यवसायिक गतिविधियां चालू रखनी थी, लेकिन लाइसेंस नवीनीकृत न होने के कारण उनका काम प्रभावित हुआ। कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को आदेश दिया कि वह प्रमुख सचिव, गृह विभाग को कोर्ट के आदेश की जानकारी दें और जिलाधिकारी को भी सूचित करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर प्रमुख सचिव का फोन बंद हो, तो स्टैंडिंग काउंसिल मुख्य सचिव को इसकी जानकारी दें।

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