अयोध्या से वापस आते वक्त यहां रूके थे श्री राम : 14 वर्षों के लिए शुरू हुआ श्री राम नाम का जाप

14 वर्षों के लिए शुरू हुआ श्री राम नाम का जाप
Uttar Pradesh Times | Hardoi Temple

Dec 25, 2023 16:28

हरदोई के कोथावां क्षेत्र में 14 वर्षों के लिए होने वाले राम नाम जप का अनुष्ठान किया गया है। श्री राम नाम जप करने के मकसद के पीछे राम मंदिर निर्माण, प्राण प्रतिष्ठा व विश्व शांति है।

Dec 25, 2023 16:28

Hardoi News : उत्तर प्रदेश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी की जन्मस्थली अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में धार्मिक अनुष्ठानों की भी कवायत और ज्यादा तेज हो चली है। इसी के चलते हरदोई में भी धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत काफी पहले से ही शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में भगवान श्री राम के अनन्य भक्त शिरोमणि हनुमान जी के संरक्षण में श्री राम नाम का जब 14 वर्षों के लिए शुरू कर दिया गया है। राम नाम के आयोजकों की माने तो यह जप 24 घंटे इसी तरीके से बिना रुके सन 2037 तक चलता रहेगा। इस स्थान पर अखंड ज्योति जलाई गई है। आयोजकों का कहना है कि भगवान श्री राम 14 वर्षों के लिए वन गमन के बाद इसी रास्ते से अयोध्या वापस गए थे। राम मंदिर निर्माण और वहां पर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी जनवरी मैं तय कर दी गई है। इसीलिए यह राम नाम का जाप सतत रूप से 14 वर्षों के लिए शुरू किया गया है।

14 वर्षों के लिए होगा श्री राम के नाम का जाप
हरदोई के कोथावां क्षेत्र में 14 वर्षों के लिए होने वाले राम नाम जप का अनुष्ठान किया गया है। श्री राम नाम जप करने का मकसद राम मंदिर निर्माण, प्राण प्रतिष्ठा व विश्व शांति है। अयोध्या से आए अखंड श्री सीताराम नाम संकीर्तन अनुष्ठान आयोजक प्रज्ञा चक्षु श्री अवधेश दास जी महाराज ने बताया, कि यह जप 6 अप्रैल 2023 से शुरू किया गया है। और सन 2037 चैत्र पूर्णिमा इसका विश्राम दिवस रखा गया है। इस अनुष्ठान में सौभाग्य शाली 366 टीम में बनाई गई है। जिसे प्रत्येक वर्ष में हर टीम को एक बार श्री सीताराम नाम संकीर्तन करने का अवसर प्राप्त होगा। इस संपूर्ण कार्यक्रम के आयोजक और देखरेख कर्ता हनुमान जी महाराज हैं, उन्हीं के मंदिर प्रांगण में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्र की गणमान्य लोग और जनता भाग ले रही है। श्री राम नाम का अखंड संकीर्तन जप करने वाले अशोक द्विवेदी का कहना है, कि यह क्षेत्र और यहां का कण कण भगवान श्री राम का एहसास दिलाता है। क्योंकि अयोध्या वापसी के समय भगवान श्री राम इसी स्थान से गुजरे थे।

अयोध्या वापसी के समय श्री राम ने यहीं किया था विश्राम
कोथावां निवासी पंकज सिंह बताते हैं कि संडीला तहसील क्षेत्र का बड़ा भूभाग भगवान राम के अयोध्या वापसी के लिए जाना जाता है। गोमती नदी के किनारे बसा यह भाग अत्यंत प्राचीन होने के साथ-साथ पौराणिक धरोहरों व रामायण और वेदों में वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि 84 कोसीय यात्रा परिपथ क्षेत्र में भगवान श्री राम ने अयोध्या पहुंचने के पहले विश्राम किया था। सत्य हरण में स्नान कर अपने पाप धोए थे, और पास की नैमिषारण्य की जंगल से वह कंदमूल फल लाकर खाए थे। आज भी पुरानी खुदाई के दौरान जमीन से कई प्राचीन मूर्तियां निकलती रहती हैं। रामायण में इस स्थान क्षेत्र का सारगर्भित तरीके से वर्णन है।


 

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