किसान रमेश ने बताया कि एक हेक्टेयर में बैंगन की फसल की पहली कटाई में 400 कुंतल बैंगन का फल प्राप्त होता है। यह मात्रा बढ़ भी सकती है। एक हेक्टेयर में बैंगन की खेती पर करीब दो लाख रुपये खर्च आता है, लेकिन औसत पैदावार लागत से 10 गुना या उससे भी अधिक मुनाफा देती है। बैंगन की खेती एटीएम फसल है जिसे 2-3 दिन इंतजार ...
हरदोई में मजदूरी छोड़ किसान ने बैंगन की खेती से बनाया रिकॉर्ड : ट्यूब देखकर शुरू की थी बुवाई, अब हो रही पैसों की बारिश
Jan 15, 2025 12:19
Jan 15, 2025 12:19
- बैंगन की खेती से किसान हो रहे मालामाल, एक बार लागत से एक साल तक बंपर कमाई का रिकॉर्ड।
- बैंगन की खेती एटीएम फसल है जिसे 2-3 दिन इंतजार करने के बाद तोड़ा और बेचा जा सकता है।
मजदूरी छोड़कर किसान ने बनाया बैंगन की खेती में कमाई का अनोखा रिकॉर्ड
हरदोई के रहने वाले रमेश का कहना है कि वह रोज सुबह उठकर शहर में मजदूरी करने चले जाते थे। शाम को उन्हें ₹400 दिहाड़ी मिल जाती थी, जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। प्राकृतिक आपदा और बीमारी के समय परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया। खेती कम होने से परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा था। एक दिन उन्होंने अपने एक रिश्तेदार के फोन पर बैगन की खेती से जुड़ा एक वीडियो देखा, जिसमें वैज्ञानिक तरीकों से बैगन की खेती करने की जानकारी दी गई थी। बस इस वीडियो को देखने के बाद ही हमने बैगन की खेती करने का फैसला किया। जानकारी के अभाव में हमने उद्यान विभाग से इस बारे में जानकारी ली, जहां से विभाग के अधिकारियों ने बेहतरीन तरीके से खेती करने के अनोखे तरीकों की जानकारी दी।
एक बार खेती में लागत और देखभाल से साल भर होती बंपर कमाई
किसान रमेश ने बताया कि एक हेक्टेयर खेती में बैंगन की फसल लेने के लिए लगभग 300 से 400 ग्राम हाइब्रिड बीज की आवश्यकता होती है। खेत की मिट्टी को अच्छे से जोतने के बाद खरपतवार नियंत्रित होते हैं। गहरी जुताई करके सड़ी हुई गोबर की खाद डालकर खेत तैयार किया जाता है। स्थान का पता लगाकर मेड़ों पर बीज बोने से खरपतवार और कीटों पर नियंत्रण होता है। समय पर ड्रिप इरीगेशन विधि से पानी और तरल उर्वरक का प्रयोग करने से पौधा बेहतरीन तरीके से तैयार होता है। ड्रिप इरीगेशन विधि से पौधों तक पानी के साथ उर्वरक पहुंचाने से बेहतरीन पौधा तैयार होता है। किसान ने बताया कि कीटों के उपचार के लिए वह गोमूत्र स्प्रे का प्रयोग करता है। वह अपने खेत में पौधों की अपने बच्चों की तरह देखभाल करता है, जिससे अच्छी फसल देने वाले बैंगन के पेड़ तैयार होते हैं।
सही देखभाल से खेती करती है किसान पर पैसों की बरसात
किसान रमेश ने बताया कि एक हेक्टेयर में बैंगन की फसल की पहली कटाई में 400 कुंतल बैंगन का फल प्राप्त होता है। इसमें बढ़ोतरी भी हो सकती है। एक हेक्टेयर में बैंगन की खेती पर करीब दो लाख रुपये खर्च आता है, लेकिन औसत पैदावार लागत से 10 गुना या उससे भी अधिक मुनाफा देती है। बैंगन की खेती एटीएम फसल है जिसे 2-3 दिन इंतजार करने के बाद सही बाजार भाव देखकर तोड़ा और बेचा जा सकता है। हरदोई में पैदा होने वाला बैंगन कई महानगरों में बिकता है। सर्दियों के दिनों में इसे कई राज्यों में बिक्री के लिए भेजा जाता है। हमारे यहां के बैंगन की मांग बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान तक में है। शादियों के सीजन में इसकी मांग और भाव दोनों बढ़ जाते हैं, जिससे अच्छी आमदनी हो जाती है।
हरदोई में पैदा हो रहा बैंगन का साफ सुथरा
हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि हरदोई की मिट्टी चिकनी, दोमट, रेतीली और हल्के भूरे रंग की है। यहां की मिट्टी क्षारीय होने के साथ-साथ अधिक पानी धारण करने की क्षमता रखती है। यह सब्जियों के लिए अच्छा मानक है। यहां के प्रगतिशील किसान सब्जी की खेती से अच्छा पैसा कमा रहे हैं। यहां पैदा होने वाला बैगन साफ और चमकदार होता है। सरकार सब्जी की खेती के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर अभियान चला रही है। हरदोई के शाहाबाद, सवायजपुर, बिलग्राम तहसील क्षेत्र में किसान बैगन, टमाटर, गोभी, मिर्च, मूली, गाजर आदि सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। समय-समय पर विभाग चौपालों का आयोजन कर किसानों को अच्छे बीज और खेती की तकनीक उपलब्ध कराता है। किसानों को सब्जी की खेती के लिए सब्सिडी भी दी जाती है।
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