हरदोई जिले में अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता इस कदर बढ़ गई है कि वे जिलाधिकारी के स्पष्ट आदेशों की भी अवहेलना करने से नहीं चूकते। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जो दुर्घटनाएं एक बार घटकर सबक बननी चाहिए थीं, वे बार-बार घट रही हैं और निरंतर मासूम जानें जा रही हैं।
मौत का गड्ढा : हरदोई में मातहतों ने डीएम का आदेश माना होता तो नहीं होती 5 बच्चों के बाद छठी मौत
Jul 30, 2024 00:49
Jul 30, 2024 00:49
- हरदोई में 5 बच्चों के बाद छठी मौत से कोहराम, अनदेखी के चलते उन हादसों की पुनरावृत्ति
- गड्ढे के चारों तरफ बैरिकेडिंग लगाने का दिया था निर्देश, दूसरी घटना के दो दिन बाद अधेड़ की मौत
पचदेवरा में 4 बच्चों की गड्ढे में डूबकर मौत हो गई थी। घटना के बाद पहुंचे डीएम ने तत्काल निर्देश दिए थे कि गड्ढे के चारों ओर बैरिकेडिंग लगाई जाए और बोर्ड लगाए जाएं। लेकिन जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। एक साल बाद फिर एक घटना हुई जिसमें एक बच्चा फिर डूब गया। दूसरी घटना के दो दिन बाद तीसरी घटना हुई जिसमें एक अधेड़ की मौत हो गई।
एक साल पहले हुए हादसे से नहीं लिया सबक
पचदेवरा क्षेत्र के मैकपुर गांव में एक साल पहले 20 जुलाई 2023 को 4 बच्चों की पानी से भरे गड्ढे में डूबने से मौत हो गई थी। मैकपुर के साबिर अली के बेटे सद्दाम और अजमत व शौकीन के बेटे मुस्तकीम और बेटी खुशविना ने दम तोड़ दिया था। उस घटना से पूरे जिले में हड़कंप मच गया था जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात भी कही गई थी।
दो दिन पहले किशोर की इसी गड्ढे में डूबकर हुई थी मौत
शुक्रवार 26 जुलाई को अपनी भैंस को पकड़ने के प्रयास में मैकपुर गांव का 10 वर्षीय करन राठौर भी पानी से भरे इसी गड्ढे में डूबकर काल के गाल में समा गया था। जब तक ग्रामीण उसे गड्ढे से बाहर निकाल पाते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
अब अधेड़ की हुई मौत
पहली और दूसरी घटना के बाद भी जिम्मेदारों ने हादसे से सबक नहीं लिया। नतीजन, रविवार को पचदेवरा क्षेत्र के गिरधरपुर गांव के 55 वर्षीय अशोक दीक्षित पुत्र रामभरोसे दाढ़ी बनवाने मैकपुर गांव जा रहे थे। रास्ते में जब वह गड्ढे को पार कर रहे थे, तभी उसमें डूब गए। जब तक ग्रामीणों ने उन्हें निकाला तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
डीएम के आदेश पर अमल हुआ होता तो नहीं होती घटनाएं
पिछले साल जब मैकपुर गांव के चार बच्चों की पानी से भरे इन्हीं गहरे गड्डों में डूबने से मौत हुई थी, तब पूरे जिले में हड़कंप मच गया था। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह जिले के आला अफसर के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान डीएम ने अधीनस्थों को सख्त लहजे में निर्देश दिया था कि यहां पर बैरिकेडिंग की जाए और बोर्ड भी लगाया जाए, ताकि लोग इस खतरे वाली जगह पर आने से बच सकें। साथ ही उन्होंने इन गहरे गड्ढों को भरवाने के लिए निर्देश भी दिए थे। लेकिन डीएम के इन आदेशों पर जरा भी अमल नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि अगर जिलाधिकारी के आदेश को धरातल पर क्रियान्वित किया जाता, तो यह घटनाएं नहीं होती।
Also Read
19 Sep 2024 12:48 AM
योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बेड़े में 120 इलेक्ट्रिक बसों (100 के अतिरिक्त) के शामिल करने की प्रक्रिया तेजी.... और पढ़ें