अधिवक्ता हत्याकांड : कोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज की, डीजीसी ने कहा-ये व्हाइट-कॉलर क्रिमिनल है

कोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज की, डीजीसी ने कहा-ये व्हाइट-कॉलर क्रिमिनल है
UPT | अधिवक्ता हत्याकांड में जमानत खारिज

Sep 20, 2024 01:23

हरदोई में 30 जुलाई की शाम को वरिष्ठ अधिवक्ता की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के बाद जनपद भर में हड़कंप मच गया था। घटना को अंजाम देने वाले शूटर...

Sep 20, 2024 01:23

Short Highlights
  • पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले शूटर को मुठभेड़ के बाद किया था गिरफ्तार 
  • प्रॉपर्टी विवाद में सुपारी देने वाले चार पार्टनर को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल 
  • 30 जुलाई की शाम को घर में घुसकर की गई थी वरिष्ठ अधिवक्ता की हत्या 
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई में 30 जुलाई की शाम को वरिष्ठ अधिवक्ता की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शहर के बीचों-बीच सरेशाम हुई इस वारदात के बाद जनपद भर में हड़कंप मच गया था। पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले शूटर को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। साथ ही मामले की सुपारी देने वाले 4 पार्टनर को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

एक आरोपी ने खुद को बताया था निर्दोष 
इन आरोपियों में से एक आरोपी नृपेंद्र त्रिपाठी ने खुद को निर्दोष बताते हुए जमानत याचिका दाखिल की थी। जिसमें शपथ पत्र प्रियम मिश्रा का लगा था। जनपद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी नृपेंद्र त्रिपाठी टीटू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

कोर्ट ने कहा : व्हाइट-कॉलर क्रिमिनल है ये
जनपद न्यायाधीश के सामने बहस के दौरान प्रभारी डीजीसी ने तर्क देते हुए बताया कि जिस कोठी को यह पार्टनर खाली करना चाहते थे वर्ष 2011 में यह 22 लख रुपये की खरीदी गई थी, जिसकी अब कीमत 6 करोड़ रुपये है। यह पार्टनर इस जगह को खाली करना चाहते थे।

शूटर ने दिया था घटना को अंजाम 
घटना को अंजाम भले ही शूटर ने दिया हो लेकिन बाकी पार्टनर व्हाइट-कॉलर क्रिमिनल (सफेदपोश अपराधी) है, जिनका पहला मामला अब यह खुला है, जो पैसे देकर अपराधियों से अपराध करते हैं। नृपेंद्र त्रिपाठी टीटू के खुद को निर्दोष बताए जाने पर ये कमेंट पीड़ित पक्ष की तरफ से दिया गया था।

प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त के चलते हुई थी हत्या
कनिष्क मेहरोत्रा लखनऊ रोड पर सिनेमा चौराहे के पास स्थित एक मकान में पिछले 40 साल से किराए पर रहे हैं। इस मकान को लगभग एक दशक पहले 6 लोगों ने खरीदा था। बाद में 2 हिस्सेदारों ने अपने हिस्से को अपने दो पार्टनर को बेच दिया था। अब इसमें 4 पार्टनर थे, जिनमें सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष बीरेंद्र यादव वीरे, आदित्यभान सिंह, नृपेंद्र त्रिपाठी और शिखर गुप्ता आदि शामिल हैं।

सुपारी देकर कराई गई थी अधिवक्ता की हत्या 
मकान में रहने वाले ज्यादातर किराएदारों ने आपसी समझौता कर मकान छोड़ दिया था, लेकिन कनिष्क मेहरोत्रा ने मकान नहीं छोड़ा। जिसके बाद इन पार्टनर ने मिलकर 4 लाख रुपये में वरिष्ठ अधिवक्ता कनिष्क मेरहोत्रा की सुपारी दी थी, जिसमें मुख्य भूमिका आदित्य भान सिंह की थी।

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