जांच में सामने आया कि धमकी देने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया गया, जिससे मेल का वास्तविक स्थान पता लगाना मुश्किल हो गया। साइबर क्राइम सेल अब आईपी एड्रेस की जांच कर रही है। हालांकि वीपीएन के कारण लोकेशन बार-बार बाउंस हो रही है। हैदराबाद स्थित एक तकनीकी एजेंसी के सहयोग से इस मेल की वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है।
लखनऊ के होटलों को साइबर धमकी में VPN का सहारा : यूके के मोबाइल नंबर-अमेरिका सर्वर का इस्तेमाल
Oct 30, 2024 08:56
Oct 30, 2024 08:56
हैदराबाद की तकनीकी एजेंसी की ली जा रही मदद
जांच में सामने आया कि धमकी देने के लिए वीपीएन का इस्तेमाल किया गया, जिससे मेल का वास्तविक स्थान पता लगाना मुश्किल हो गया। साइबर क्राइम सेल अब आईपी एड्रेस की जांच कर रही है। हालांकि वीपीएन के कारण लोकेशन बार-बार बाउंस हो रही है। हैदराबाद स्थित एक तकनीकी एजेंसी के सहयोग से इस मेल की वास्तविकता का पता लगाया जा रहा है।
काले बैग में बम, 55 हजार डॉलर की मांग
इससे पहले रविवार को लखनऊ के होटल मैरियट, लेमन ट्री, पिकेडली, क्लार्क अवध और अन्य नामचीन होटलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। मेल मिलते ही होटलों में हड़कंप मच गया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डॉग स्क्वाड के साथ होटलों की तलाशी की गई। धमकी भरे ईमेल में लिखा था कि होटल में काले बैग में बम रखा गया है और अगर 55 हजार डॉलर की मांग पूरी नहीं की गई तो विस्फोट होगा।
एक ही गिरोह का शक, धमकी देने का मिलता-जुलता तरीका
जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर अधिकारियों को संदेह है कि हवाई जहाज और होटलों को धमकी देने वाला गिरोह एक ही हो सकता है। दोनों धमकियों का तरीका काफी हद तक समान था और दोनों ही मेल में वीपीएन का उपयोग किया गया था। इससे जुड़े साक्ष्य मिलते ही खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं और धमकी देने वाले गिरोह की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
एटीएस और खुफिया एजेंसियां भी जांच में जुटी
एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियों को इस मामले की गहनता से जांच के लिए तैनात किया गया है। साइबर क्राइम सेल के अधिकारी हैदराबाद की एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि मेल के पीछे छिपी असली लोकेशन का पता लगाया जा सके। एसीपी साइबर क्राइम अभिनव के मुताबिक धमकी के संदेश और प्रारूप को देखते हुए अन्य संदिग्ध पहलुओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
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