Lucknow News :  यूपी घाटे में चल रहा पावर कार्पोरेशन, चार साल में 29 हजार करोड़ का नुकसान, सोमवार को हो सकता है बैठक

यूपी घाटे में चल रहा पावर कार्पोरेशन, चार साल में 29 हजार करोड़ का नुकसान, सोमवार को हो सकता है बैठक
UPT | पावर कार्पोरेशन।

Nov 25, 2024 00:52

यूपी पावर कार्पोरेशन हर साल घाटे की ओर से बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि वर्ष 2024-25 में घाटा बढ़कर करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये पहुंच...

Nov 25, 2024 00:52

Lucknow News : यूपी पावर कार्पोरेशन हर साल घाटे की ओर से बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि वर्ष 2024-25 में घाटा बढ़कर करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। पिछले 4 साल में यह घाटा 29 हजार करोड़ रुपये बढ़ गया है। इस घाटे से उबरने के लिए 25 नवंबर यानी सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक होने की उम्मीद है। इस बैठक में घाटे को लेकर नई रणनीति बनाई जा सकती है।



सूत्रों का कहना है कि पावर कार्पोरेशन और सभी डिस्काम के घाटे को लेकर 25 नवंबर को ऊर्जा विभाग के आला अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक में सभी विद्युत निगमों के प्रबंध निदेशक और निदेशक भी शामिल होंगे। सोमवार को होने वाली बैठक में बरेली, प्रयागराज, मेरठ, अलीगढ़ और कानपुर को लेकर विशेष रणनीति बनाई जा सकती है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस बैठक में अब तक आगरा और नोएडा में कार्यरत निजी कंपनियों की स्थिति पर भी चर्चा होगी। क्योंकि जिस समय आगरा के लिए टोरेंटो पावर को फ्रेंचाइजी दी गई थी, उस समय विद्युत नियामक आयोग ने एक निर्देश दिया था, जिसके तहत कंपनियों को नफा- नुकसान का विवरण भी देना होगा।

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करीब 200 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत हुए थे
पावर कार्पोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 में कार्पोरेशन के सभी डिस्कॉम को मिलाकर करीब 89179.66 करोड़ रुपया घाटा था, यह हर साल बढ़ते हुए वर्ष 2024-25 में बढ़कर 118915.74 करोड़ तक पहुंच गया है। हालांकि, राजस्व वसूली के लिए लागातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन घाटा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से निरंतर वित्तीय सहायता दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न मदों में 40 हजार करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता बढ़ाई गई है। यह स्थिति तब है जब यूपी में केंद्र सरकार द्वारा पोषित रिवैम्पड योजना चल रही है। इसके तहत रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना चल रही है। पिछले साल इसके तहत करीब 200 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत हुए थे और इतने का ही इस साल भी चल रहा है। इस योजना में बिजली के तारों का दुरुस्तीकरण सहित आधारभूत सुविधाएं बढ़ाई जा रही है।

करीब 7 हजार करोड़ ब्याज
आडिट अकांउट रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कार्पोरेशन और डिस्कॉम को अपना कैश फ्लो बनाए रखने के लिए समय-समय पर लोन लेने पड़ते हैं। ये आंकड़ा लगभग 70 हजार करोड़ पहुंच गया है, जिसका करीब 7 हजार करोड़ ब्याज के रूप में चुकाना पड़ता है। ऐसे में जो पैसा उपभोक्ता से डिस्कॉम इकट्ठा कर पाते हैं। उसको देखते हुए अतिरिक्त उधार भी लेना पड़ेगा।

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