इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन एक विशेष प्रकार की दवा है, जो मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है। यह वैक्सीन मुख्य रूप से उन लोगों को दी जाती है जो कुत्ते, बिल्ली, बंदर या अन्य जानवरों के काटने से संक्रमित हो सकते हैं। इसका उद्देश्य घाव की गंभीरता को कम करना और संक्रमण फैलने से रोकना है।
Lucknow News : सरकारी अस्पतालों में जल्द मिलेगी इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन, अब एनएचएम कराएगा उपलब्ध, गाइडलाइन तैयार
Jan 20, 2025 12:47
Jan 20, 2025 12:47
फरवरी तक अस्पतालों में पहुंचेगी वैक्सीन, रोजाना आते हैं सैकड़ों केस
एनएचएम ने इस संबंध में गाइडलाइन तैयार कर ली है। हालांकि, अस्पताल प्रभारियों ने बताया कि फिलहाल वैक्सीन की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि फरवरी तक यह वैक्सीन सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हो जाएगी। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन करीब 500 केस जानवरों के काटने के सामने आते हैं। इनमें से दो से तीन मरीजों के जख्म गंभीर या चेहरे पर होते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन लगाने की सलाह देते हैं। हालांकि, अब तक यह वैक्सीन अस्पतालों में उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को इसे निजी मेडिकल स्टोर्स से खरीदना पड़ता था।
इन अस्पतालों में बढ़ेगी सुविधा
सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल, बीआरडी महानगर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय, रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय, और रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय जैसे प्रमुख अस्पतालों में हर दिन बड़ी संख्या में मरीज वैक्सीन के लिए आते हैं। फिलहाल, इन अस्पतालों में सिर्फ एंटी रैबीज वैक्सीन (ARV) उपलब्ध है। गंभीर जख्मों के मामलों में मरीजों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है।
बलरामपुर अस्पताल की पहल
बलरामपुर अस्पताल ने अपने स्तर पर टेंडर प्रक्रिया के तहत 25 वॉयल इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन खरीदी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु ने बताया कि यह वैक्सीन गंभीर घाव वाले मरीजों को लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जब तक एनएचएम से वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होती, तब तक इस तरह की पहल से मरीजों को राहत दी जा रही है।
इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन क्या है और कैसे करती है काम
इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन एक विशेष प्रकार की दवा है, जो मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है। यह वैक्सीन मुख्य रूप से उन लोगों को दी जाती है जो कुत्ते, बिल्ली, बंदर या अन्य जानवरों के काटने से संक्रमित हो सकते हैं। इसका उद्देश्य घाव की गंभीरता को कम करना और संक्रमण फैलने से रोकना है।
इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन में एंटीबॉडीज (प्रतिरक्षी) होते हैं, जो तुरंत प्रभाव डालते हैं और वायरस को शरीर में फैलने से रोकते हैं। यह वैक्सीन मरीज के शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करती है, खासकर जब घाव गहरे या चेहरे पर हों।
किन स्थितियों में दी जाती है यह वैक्सीन?
- गहरा घाव : जब घाव जानवर के काटने से गंभीर हो और खून बह रहा हो।
- चेहरे पर चोट : चेहरे, आंखों या नाक के पास काटने पर।
- पूर्व टीकाकरण न होने पर : जब व्यक्ति को पहले से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं दी गई हो।
- गंभीर संक्रमण का जोखिम : यदि काटने वाला जानवर रेबीज संक्रमित हो।
एंटी रैबीज वैक्सीन लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करती है और आमतौर पर काटने के बाद दी जाती है। वहीं, इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन तुरंत प्रभाव डालती है और गंभीर मामलों में प्राथमिक उपचार के रूप में उपयोग की जाती है।
वैक्सीन के प्रकार
- ह्यूमन इम्यून ग्लोब्युलिन (HRIG) : यह इंसानों से प्राप्त प्लाज्मा से बनाई जाती है और अधिक प्रभावी होती है।
- एक्वाइन इम्यून ग्लोब्युलिन (ERIG) : इसे घोड़ों के प्लाज्मा से बनाया जाता है और यह किफायती विकल्प है।
चिकित्सकों का मानना है कि इम्यून ग्लोब्युलिन वैक्सीन की आपूर्ति शुरू होने से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि जानवरों के काटने के गंभीर मामलों में इलाज की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इसके साथ ही, मरीजों को आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिलेगी।
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