Lucknow News : कड़ाके की ठंड में आम के बौरों पर मंडरा रहा संकट, मलिहाबाद में बागवानों की बढ़ी चिंता

कड़ाके की ठंड में आम के बौरों पर मंडरा रहा संकट, मलिहाबाद में बागवानों की बढ़ी चिंता
UPT | ठंड में आम के बौरों पर संकट

Jan 09, 2025 15:23

बौर का सुरक्षित बचना तापमान पर निर्भर करता है। दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट के कारण बौर काला पड़कर नष्ट हो सकता है। हालांकि, जनवरी में निकलने वाले बौर को सुरक्षित रखना अपेक्षाकृत आसान है।

Jan 09, 2025 15:23

Lucknow News : मलिहाबाद के फल पट्टी क्षेत्र में जनवरी के कड़ाके की ठंड के बीच आम के पेड़ों में समय से पहले बौर निकलना शुरू हो गया है। इस स्थिति ने बागवानों को परेशान कर दिया है। दशहरी आम की खेती पर निर्भर लगभग 80 प्रतिशत लोग मौसम की इस चुनौती से जूझ रहे हैं। बागवानों का कहना है कि कई पेड़ों पर बौर की कूच बंध चुकी है, जबकि कुछ पेड़ों पर बौर पूरी तरह खिल गए हैं।

ठंड और कोहरे से बौर को खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, घने कोहरे और कड़ाके की ठंड से समय से पहले निकले बौर सूखकर गिर सकते हैं। जो पेड़ अभी बौर बनने की प्रक्रिया में हैं, उनमें जनवरी के दूसरे सप्ताह तक बौर विकसित होने की संभावना है। लेकिन, ठंड का बढ़ता प्रकोप इस प्रक्रिया को नष्ट कर सकता है। आम के पेड़ों में समय से पहले बौर निकलने का एक बड़ा कारण अत्यधिक रासायनिक खाद का इस्तेमाल भी है। यह समस्या बागवानों को अतिरिक्त मेहनत और देखभाल करने के लिए मजबूर कर रही है।



तापमान पर निर्भर है बौर की सुरक्षा
केंद्रीय उपोष्ण उद्यान अनुसंधान, रहमान खेड़ा के निदेशक डॉ. टी. दामोदरन के अनुसार, बौर का सुरक्षित बचना तापमान पर निर्भर करता है। दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट के कारण बौर काला पड़कर नष्ट हो सकता है। हालांकि, जनवरी में निकलने वाले बौर को सुरक्षित रखना अपेक्षाकृत आसान है। लेकिन, इसके लिए मेहनत और सावधानी की आवश्यकता होगी।

पद्मश्री कलीमुल्लाह का समाधान
पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह ने बागवानों को सलाह दी है कि वे समय से पहले निकले बौर को लेकर ज्यादा परेशान न हों। उन्होंने सुझाव दिया कि पेड़ों की धुलाई कर जाला कीट और अन्य बीमारियों को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि दिसंबर के अंत में बौर निकलने की प्रक्रिया शुरू होती है और इस समय पेड़ों की सही देखभाल करना बेहद महत्वपूर्ण है।

बौर सुरक्षित रखने के उपाय
  • पेड़ों पर जाला कीट और अन्य रोगों को नियंत्रित करने के लिए समय पर छिड़काव करें।
  • बागों की नियमित धुलाई करें ताकि पेड़ों पर जमी गंदगी और कीट नष्ट हो सकें।
  • ठंड और कोहरे से बचाव के लिए बाग में धुआं जलाने की प्रक्रिया अपनाएं।
  • रासायनिक खाद का संतुलित और सही तरीके से उपयोग करें।

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