जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव शुक्रवार से : मालिनी अवस्थी सजायेंगी सुरों की महफिल, पं. हरि प्रसाद चौरसिया बिखेरेंगें बांसुरी की स्वर लहरियां

मालिनी अवस्थी सजायेंगी सुरों की महफिल, पं. हरि प्रसाद चौरसिया बिखेरेंगें बांसुरी की स्वर लहरियां
UPT | जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव शुक्रवार से।

Jan 23, 2025 15:54

राजधानी में शुक्रवार से दो दिवसीय जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव शुरू हो रहा है। इसमें संगीत के श्रंगार से साहित्य का संसार सजेगा।

Jan 23, 2025 15:54

Lucknow News : राजधानी में शुक्रवार से दो दिवसीय जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव शुरू हो रहा है। इसमें संगीत के श्रंगार से साहित्य का संसार सजेगा। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित इस उत्सव पं. हरि प्रसाद चौरसिया की बांसुरी की मधुर ध्वनियों और पं. साजन मिश्र के शास्त्रीय संगीत की सुरमयी प्रस्तुति से दर्शकों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की गहराई और सुंदरता का अनुभव होगा। इसके साथ ही प्रख्यात कवि अपनी रचनाओं से काव्य की महफिल भी लगाएंगे।

न्यायमूर्ति करेंगे साहित्योत्सव का शुभारंभ
पहले दिन 24 जनवरी को दोपहर दो बजे न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान साहित्योत्सव का शुभारंभ बजे  करेंगे। इसके बाद दोपहर तीन बजे अनुपमा शरद, पुनीता अवस्थी और नूतन वशिष्ठ के बीच कहानियों पर संवाद होगा। शाम छह बजे पद्मश्री रंजना गौहर और वृंदा चड्ढा ओडिशी नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति देंगी। इसके बाद शाम 6:45 बजे थिएटर, सिनेमा और संगीत पर चर्चा होगी। जिसमें लेखक मनु ऋषि चड्ढा, अभिनेत्री सुनीता रजवाड़ और साहित्यकार यतींद्र मिश्र के साथ संवाद का संचालन ज्योति सिन्हा करेंगी।

प्रख्यात कवि देंगे बांधेंगे समां
इसके बाद शाम 7:30 बजे से काव्य कुंभ में प्रो. वसीम बरेलवी, पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा, फरहत एहसास, शारिक कैफी, कैसर खालिद, डा. सीता सागर, मदन मोहन दानिश, अज्म शकीरी, अश्विनी कुमार चंद, रंजीत चौहान, नीलोत्पल मृणाल, जावेद मुशीरी, भावना श्रीवास्तव, अनस फैजी संग आशु मिश्रा कविता व शायरी प्रवाहित करेंगे।

पद्मश्री मालिनी अवस्थी सजायेंगी सुरों की महफिल
दूसरे दिन दोपहर दो बजे से बैतबाजी का आयोजन होगा। शाम पांच बजे पद्मश्री मालिनी अवस्थी अपनी सुरमयी गायकी से सुर-संध्या को सजाएंगी। इसके बाद पं. साजन मिश्र अपने पुत्र स्वरांश मिश्र और पं. धर्मनाथ मिश्र के साथ शास्त्रीय संगीत की अद्भुत प्रस्तुति देंगे। रात आठ बजे कर्नल अशोक कुमार सैक्सोफोन पर अपनी मनमोहक धुनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। अंत में पं. हरि प्रसाद चौरसिया की बांसुरी की मधुर धुनों के साथ साहित्योत्सव का समापन होगा।

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