Netaji Subhash Chandra Bose birthday : सीसीएसयू मेरठ के इतिहास विभाग में मनाया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस

सीसीएसयू मेरठ के इतिहास विभाग में मनाया नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिवस
UPT | मेरठ के सीसीएसयू के इतिहास विभाग में सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मंचासीन अतिथिगण।

Jan 23, 2025 20:48

कार्यक्रम की अध्यक्षता नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति, मेरठ के अध्यक्ष बीएन पाराशर ने की। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रख्यात इतिहासविद प्रो. केडी शर्मा रहे।

Jan 23, 2025 20:48

Short Highlights
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति ने करवाया कार्यक्रम
  • राष्ट्र नायक सुभाष: व्यक्तित्व एवं विचार" विषयक संगोष्ठी 
  • कार्यक्रम भावी पीढ़ी को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास  
Meerut CCSU News : आज दिनांक 23 जनवरी 2025 को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वीर बंदा बैरागी सभागार में इतिहास विभाग और साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में "राष्ट्र नायक सुभाष: व्यक्तित्व एवं विचार" विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति, मेरठ के अध्यक्ष बीएन पाराशर ने की। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रख्यात इतिहासविद प्रो. केडी शर्मा रहे। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार संदीप राय उपस्थित थे।

नेताजी के प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा
मुख्य वक्ता प्रो. केडी शर्मा ने नेताजी के प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सुभाष से नेताजी और फिर राष्ट्र नायक बनने का उनका सफर अत्यंत कठिन और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने बताया कि नेताजी को यह उपनाम उनकी अभूतपूर्व लोकप्रियता के कारण मिला।

भारत की स्वतंत्रता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत
तत्कालीन कांग्रेसी नेतृत्व के साथ मतभेदों के बावजूद, नेताजी का मानना था कि सभी स्वतंत्रता सेनानी अलग-अलग रास्तों से भारत की स्वतंत्रता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि नेताजी का त्याग और उनका "राष्ट्र प्रथम" का सिद्धांत सभी के लिए अनुकरणीय है।

आत्मविश्वास और देशप्रेम का प्रतीक
"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" और "दिल्ली चलो" जैसे ओजस्वी नारे उनके आत्मविश्वास और देशप्रेम का प्रतीक हैं। उन्होंने देश के लिए जो बलिदान दिया, वह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर इतिहास विभाग के अध्यक्ष और साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक प्रो. कृष्णकांत शर्मा ने नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।

ऐसे राष्ट्र नायकों को समय-समय पर याद करना
उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्र नायकों को समय-समय पर याद करना और उनकी स्मृति में कार्यक्रम आयोजित करना भावी पीढ़ी को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
बीएन पाराशर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्मारक समिति द्वारा किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। जो वर्षों से समाज को जागरूक करने और नेताजी के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य कर रही है।

नेताजी के संघर्ष और बलिदान को वह स्थान आज़ाद भारत में नहीं मिल सका
विशिष्ट अतिथि संदीप राय ने कहा कि नेताजी के संघर्ष और बलिदान को वह स्थान आज़ाद भारत में नहीं मिल सका, जो उन्हें मिलना चाहिए था। उन्होंने सभी से नेताजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और अपने आचरण एवं विचारों से देशप्रेम का परिचय देने का आह्वान किया।

इस अवसर पर सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की
इस अवसर पर साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।  इस अवसर पर प्रो. आराधना, प्रो. एवी कौर, डॉ. योगेश कुमार, डॉ. मनीषा त्यागी, डॉ. दीपक, शालिनी, पुष्पेंद्र, हरीश कुमार, सुधीर कुमार सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा त्यागी ने किया।

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