काकोरी ब्लॉक में बाघ की दहशत बरकरार है। बाघ ने बीते 23 दिनों में तीन जानवरों पर हमला किया है। पहले उसने नील गाय का शिकार किया।
वन विभाग का प्लान फेल : मचान के नीचे से पड़वा को खींच ले गया बाघ, टीम को नहीं लगी भनक
Dec 24, 2024 12:07
Dec 24, 2024 12:07
मचान के नीचे दूसरा पड़वा बांधा
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के ब्लाक नंबर चार के पास बने तीस फीट ऊंचे मचान के नीचे पड़वा को बांधा गया था। अब दूसरा पड़वा फिर से मचान के नीचे बांधा गया है। वन विभाग ने बाघ को देखते हुए रहमान खेड़ा से जुड़े इलाके को डेंजर जोन घोषित किया है।डीएफओ अवध सितांशु पांडेय ने बताया कि रात में बाघ को ट्रेंकुलाइज नहीं किया जाता है। रेस्क्यू टीम अलग-अलग जगहों पर तैनात है। बाघ के भोर में चार बजे के आसपास और लगातार पेट्रोलिंग भी की जा रही है।
हर्बल अशोक वाटिका में मिले पगमार्क
काकोरी के मीठेनगर में रविवार शाम सांड़ का शिकार करने के बाद सोमवार बाघ उलरापुर गांव के करीब रहमान खेड़ा जंगल में हर्बल अशोक वाटिका में दिखाई दिया। यहां उसके पगमार्क भी मिले हैं। वाटिका में कार्यरत संविदाकर्मी संजय यादव अन्य मजदूरों के साथ निराई का कार्य कर रहे थे, जब उन्होंने बाघ को रहमानखेड़ा क्रॉसिंग की ओर जाते हुए देखा। बाघ को देखकर सभी मजदूर घबराकर पास के कमरे में छिप गए। बाघ की चहलकदमी की सूचना मिलने पर एसडीओ हरिलाल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे,
लेकिन बाघ नजर नहीं आया।
सांड का शव के पास टीम तैनात
मीठेनगर में मृत सांड़ का शव सोमवार को भी पड़ा था, बस उसकी लोकेशन बदल दी गई है। बाघ सांड़ को जंगल की तरफ खींच कर ले गया था। करीब चार पांच किलो गोश्त खाकर चला गया था। सांड का शव वहां से हटाकर खंड़जा मार्ग पर झाड़ी के करीब रखा गया है। देर शाम या भोर में उसके आने की संभावनाओं को देखते हुए एक रेस्क्यू टीम वाहन पर तैनात की गई है।
डेंजर जोन घोषित
इससे पहले रहमान खेड़ा से चार किलोमीटर दूर हलुवापुर गांव में सोमवार सुबह बाघ ने नील गाय के बच्चे का शिकार किया था। लेकिन उसे खाए बिना ही चला गया था। आसपास के नौ में से दस गांवों में किसी न किसी दिन बाघ के होने की सूचना मिल रही
है। इसलिए डेंजर जोन घोषित किया गया है।
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