केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। इसके बाद इस अहम प्रोजेक्ट में तेजी देखने को नहीं मिला। बाद में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ। 44,605 करोड़ रुपए वाली इस परियोजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि देगी।
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट : यूपी के अब पांच जिलों की बुझेगी प्यास, दो दशक से बाट जो रहे बुंदेलखंडवासी
Aug 16, 2024 16:32
Aug 16, 2024 16:32
2005 में हुआ था अनुबंध, अभी तक परवान नहीं चढ़ सकी परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच वर्ष 2005 में अनुबंध हुआ था। इसके बाद इस अहम प्रोजेक्ट में तेजी देखने को नहीं मिला। बाद में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों राज्यों के बीच वर्ष 2021 में समझौता हुआ। 44,605 करोड़ रुपए वाली इस परियोजना में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि देगी। इस तरह केंद्र सरकार की 39,317 करोड़ की धनराशि खर्च होगी, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों को कुल लागत की पांच-पांच प्रतिशत राशि देनी होगी। इस तरह केंद्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार के सम्मलित प्रयासों से योजना परवान चढ़ेगी। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के पांच और मध्य प्रदेश के आठ जिलों की किस्मत बदल जाएगी। यहां पानी की किल्लत से लोगों को निजात मिल सकेगी।
पानी की किल्लत झेलने को मजबूर हैं बुंदेलखंडवासी
उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड की बात करें तो यहां पानी की वजह से लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी की एक एक बूंद के लिए लोग संघर्ष करते हैं। इस वजह से खेती किसानी भी प्रभावित होती है और लोग लंबे समय से पलायन को मजबूर हैं। इस परियोजना के पूरा होने से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। इस परियोजना के जरिये 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। इसके अलावा 62 लाख लोगों को पीने का पानी नसीब होगा। परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में दो बैराज और मध्य प्रदेश की नदियों पर सात बांध बनाए जाएंगे। 103 मेगावाट हाइड्रो पावर और 27 मेगावाट सोलर पावर का उत्पादन होगा।
पांच जिलों की संवरेगी तस्वीर
इस परियोजना से यूपी के पांच जिलों को करीब 750 मिलियन क्यूसेक मीटर पानी मिलेगा। इन जिलों की 2.51 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी। इन जिलों का पेयजल संकट हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा। इसके अलावा इस परियोजना के तहत यूपी में दो बैराज बनने हैं। बिजली का लाभ अलग से मिलेगा। केन और बेतवा को जोड़ने के लिए जो 221 मीटर लंबी लिंक चैनल बननी है उसका 21 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ेगा।
केन नदी पर बनाए जाएंगे दो नए बैराज
इस प्रोजेक्ट के तहत केन नदी पर दो नए बैराज बांदा व पैलानी बनाए जाएंगे। इससे पाइपलाइन के जरिए 25504 हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बांदा में केन नहर प्रणाली का निर्माण 115 वर्ष पहले हुआ था। इसमें 1060 किलोमीटर लंबाई की केन नहर प्रणाली से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है। यह अब पुरानी होने के कारण जीर्ण-शीर्ण हो गई है। इसका जीर्णोद्धार परियोजना से कराया जाएगा। इससे 1,66,973 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बरियारपुर पिकअप, पारीक्षा एवं बरुआसागर बांध भी 100 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है, इनका भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसी तरह महोबा के 15 बांध व तालाबों के जीर्णोद्धार एवं लिंक नहर निर्माण से यहां कई क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बढ़ जाएगी। इसके अलावा महोबा में प्रेशराइज्ड पाइप के जरिए 37,564 हेक्टेयर में लघु सिंचाई व झांसी में 17,488 हेक्टेयर में पंपिंग स्टेशन व लघु सिंचाई प्रणाली विकसित की जाएगी।
परियोजना की खास बातें
- 44605 करोड़ रुपए की है परियोजना
- 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि की होगी सिंचाई
- 62 लाख किसानों को मिलेगा पानी
- 103 मेगावाट जल ऊर्जा और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होगा
- मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में दौधन बांध का निर्माण कार्य और 221 किलोमीटर लंबी केन बेतवा लिंक चैनल का निर्माण मार्च 2030 तक पूरा कराना प्रस्तावित है।
- 221 किलोमीटर केन बेतवा लिंक चैनल में से उत्तर प्रदेश में 21 किलोमीटर का निर्माण होगा।
- बांदा में केन नहर प्रणाली का सुधार, महोबा के 15 बांध व तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा।
- केन नदी पर दो नए बांध व पारीक्षा एवं बरुआसागर बांध का जीर्णोद्धार इसके तहत कराया जाएगा।
- बांदा में केन नहर प्रणाली के सुधार पर काम इस वर्ष के अक्टूबर तक शुरू होने की उम्मीद है। जल्द ही इसके लिए केंद्र सरकार से धनराशि की मांग की जाएगी।
- परियोजना के तहत केन नदी पर दो नए बैराज बांदा व पैलानी बनाए जाएंगे। इससे पाइपलाइन के जरिए 25504 हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छत्तरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी, उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी, ललितपुर और हमीरपुर।
राज्यों का जल बंटवारा
- उत्तर प्रदेश- 1700 मिलियन क्यूबिक मीटर
- नॉन मानसून- 750 मिलियन क्यूबिक मीटर
- मानसून के समय- 950 मिलियन क्यूबिक मीटर
- मध्य प्रदेश- 2350 मिलियन क्यूबिक मीटर
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