सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेय जल और विद्युत उत्पादन के साथ-साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जल स्तर में सुधार और इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नये दरवाजे खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नजरिया काम कर रहा था।
केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट : अखिलेश यादव बोले- केंद्र सरकार प्राथमिकता देती तो नेताजी का महान काम पहले हो जाता पूरा
Dec 25, 2024 16:58
Dec 25, 2024 16:58
मुलायम सिंह यादव और बाबू लाल गौर के बीच पहले हो चुके एमओयू पर हस्ताक्षर
अखिलेश यादव ने इसे लेकर सोशल साइट एक्स पर कहा कि 'नदियों को जोड़ना, देश को जोड़ने का काम होता है' इसी बड़ी सोच के साथ अपने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने 'देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना' की संकल्पना की थी और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री (बाबूलाल गौर) के साथ केन-बेतवा लिंकिंग प्रोजेक्ट के एमओयू को हस्ताक्षरित कर के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को प्रस्तुत किया था।
बुंदेलखंड के विकास की सोच के साथ थी प्राथमिकता
सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेय जल और विद्युत उत्पादन के साथ-साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जल स्तर में सुधार और इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नये दरवाजे खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नजरिया काम कर रहा था। उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही प्राथमिकता दी होती तो नेताजी का ये महान कार्य और पहले ही शुरू होकर अब तक पूर्ण हो जाता। उन्होंने 'सपा का काम जनता के नाम' कहकर भाजपा पर तंज भी कसा।
महाकुंभ में भाजपा का कुशासन मॉडल
सपा अध्यक्ष ने इसके साथ प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियों को लेकर एक बार भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि देखो भाजपा सरकार के अचंभे, बिना तार के खंभे! उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने तो पहले ही एक गाने में कहा था 'बिन बिजली के खड़ा है खंभा' भाजपा राज में ये कोई गाना-अफसाना नहीं बल्कि शत-प्रतिशत सत्य है। अखिलेश यादव ने इसे भाजपा के कुशासन मॉडल का विशेष समाचार बुलेटिन कहकर कटाक्ष किया है।
सुरक्षा चक्र का प्रबंधन अंतिम दिन की नहीं करता प्रतीक्षा
इससे पहले उन्होंने एक और वीडियो शेयर कर कहा कि ये है भाजपा सरकार में 'प्रयागराज महाकुंभ 2025' की तैयारी की सच्चाई! कम से कम पुलिस विभाग का काम तो बहुत पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था, क्योंकि सुरक्षा चक्र का प्रबंधन किसी अंतिम दिन की प्रतीक्षा नहीं करता है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की आहत जनता पूछ रही है कि महादानी सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा हटाने के लिए तो भाजपा सरकार बहुत तत्पर थी पर वैसी तेज़ी प्रशासनिक प्रंबंधन के लिए क्यों नहीं दिखाई जा रही है।
महाकुंभ भी चले-प्रयागराज भी गतिमान रहे
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रबंधन करते समय प्रयागराज और मेला क्षेत्र के आसपास की स्थानीय जनता की जरूरतों और समस्याओं को नजर अंदाज करने की जो शिकायतें मिल रही हैं, उनका भी तुरंत समाधान किया जाए। प्रयागराज के निवासियों के बीच किसी इमरजेंसी के घटित होने पर आवागमन और परिवहन को लेकर मन में जो चिंता है, उसके निराकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाए। हम चाहते हैं महाकुंभ भी चले और प्रयागराज भी गतिमान रहे।
अपने सच्चे-समर्पित कार्यकर्ता भेजने का प्रस्ताव
सपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर शासन-प्रशासन महाकुंभ की तैयारी में विफल हो गया है तो सहायता करने के लिए हम अपने सच्चे-समर्पित कार्यकर्ता भेजने का प्रस्ताव रखते हैं क्योंकि भाजपा वाले तो कहीं खाने-कमाने या चुनाव के जोड़-जुगाड़ में लगे होंगे।
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एसोसिएशन ने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं का लाभ प्रदेश के उपभोक्ता अंतिम चरण में लेते हैं। फिलहाल वर्तमान में भी वह इसका लाभ ले रहे हैं। ऐसे में कोई भी समीक्षा एक माह के पहले किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता। और पढ़ें