अमरोहा की निधि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 39वीं रैंक प्राप्त कर एसडीएम के पद पर चयनित हुई हैं। वहीं, उन्नाव की केजीबीवी में पढ़ाई करने वाली अर्चना देवी ने अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। महोबा की निदा खातून ने भी नीट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एमबीबीएस की डिग्री हासिल की, जो अब चिकित्सा क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।
केजीबीवी की बालिकाएं शिक्षा, खेल और प्रशासनिक क्षेत्रों में चढ़ रहीं प्रगति की सीढ़ियां : यूपी में 680 कॉलेज इंटरमीडिएट तक अपग्रेड
Nov 06, 2024 18:28
Nov 06, 2024 18:28
शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों की बेटियां कर रही हैं तरक्की
प्रदेश में केजीबीवी के माध्यम से पिछड़े और गरीब परिवारों की बालिकाएं शिक्षा की मुख्यधारा में जुड़कर तरक्की कर रही हैं। इन संस्थानों में अध्ययनरत बालिकाएं अब खेलकूद और प्रशासनिक सेवा में नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं, जिससे वे समाज में नई भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रही हैं।
उपलब्धियों का प्रतीक: अमरोहा की बेटी बनी एसडीएम
योगी सरकार की पहल का परिणाम है कि अमरोहा की निधि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 39वीं रैंक प्राप्त कर एसडीएम के पद पर चयनित हुई हैं। वहीं, उन्नाव की केजीबीवी में पढ़ाई करने वाली अर्चना देवी ने अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। महोबा की निदा खातून ने भी नीट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एमबीबीएस की डिग्री हासिल की, जो अब चिकित्सा क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। ये सभी उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि केजीबीवी की बालिकाएं समाज में नई पहचान बना रही हैं।
खेलकूद में उत्कृष्ट प्रदर्शन
वर्ष 2024-25 की राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में केजीबीवी की बालिकाओं ने फुटबॉल, गतका, जूडो और कुश्ती में शानदार प्रदर्शन कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। अंडर-14 फुटबॉल में उपविजेता का खिताब जीतने के साथ-साथ, राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में अंडर-14 और अंडर-17 वर्ग में चार-चार बालिकाओं का चयन हुआ है। इसके अलावा, गतका मार्शल आर्ट में भी बालिकाओं ने दो रजत और दो कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। इसी तरह जूडो और कुश्ती में भी एक-एक रजत और कांस्य पदक जीते गए। थांगता मार्शल आर्ट में दो स्वर्ण पदक जीतकर बालिकाओं ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी जगह बनाई है। इस तरह इन बालिकाओं की खेल प्रतिभा को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।
आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का विकास
केजीबीवी में बालिकाओं को आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का विकास करने के उद्देश्य से गाइड ट्रेनिंग दी जा रही है। उच्चीकृत विद्यालयों में एनसीसी यूनिट की स्थापना के लिए भी एनसीसी निदेशालय से अनुरोध किया गया है ताकि बालिकाएं सेना और अन्य रक्षा सेवाओं में करियर बना सकें। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है और वे भविष्य में समाज की एक मजबूत कड़ी बन रही हैं।
सभी 746 विद्यालयों को कक्षा 12 तक उच्चीकृत करने का लक्ष्य
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के मुताबिक प्रदेश सरकार ने 2025-26 तक सभी केजीबीवी को कक्षा 12 तक उच्चीकृत करने का लक्ष्य रखा है, जिससे अधिक से अधिक बालिकाओं को शिक्षा की उच्च गुणवत्ता प्राप्त हो सके। अब तक 680 विद्यालयों का उच्चीकरण किया जा चुका है, जहां कक्षा 6 से 12 तक की बालिकाओं के लिए मुफ्त शिक्षा और आवासीय सुविधा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 746 केजीबीवी हैं, जिनमें कुल 81,280 बालिकाएं नामांकित हैं।
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