केजीएमयू के फार्मोकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. सचान लंबे समय से विवादों में घिरे हैं। उनके खिलाफ जब जब कार्रवाई करने की कोशिश की गई, उन्होंने अपने रसूख के कारण इसे रुकवा दिया।
केजीएमयू : फार्माकोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एके सचान निलंबित, ईडी दर्ज कर चुकी है केस
Sep 08, 2024 12:02
Sep 08, 2024 12:02
कार्यसमिति की बैठक में इस पर हुआ फैसला
प्रो. सचान अपने रसूख के कारण कई विवादों के बाद भी अब तक कार्रवाई से बचते आए हैं। अब कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद के कड़े रुख के बाद उनका निलंबन किया जा सका है। कार्य परिषद की बैठक में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया था। इसके बाद प्रो. सचान को सस्पेंड किया गया है।
विवादों से जुड़ा है कार्यकाल, कई बार हुई शिकायतें
केजीएमयू के फार्मोकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. सचान लंबे समय से विवादों में घिरे हैं। उनके खिलाफ जब जब कार्रवाई करने की कोशिश की गई, उन्होंने अपने रसूख के कारण इसे रुकवा दिया। ताजा प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सख्त निर्देश दिया। इसके बाद प्रो. सचान के खिलाफ एक्शन लिया गया है। प्रो. सचान के खिलाफ पहली बार वर्ष 2009 में प्राइवेट प्रैक्टिस को लेकर शिकायत दर्ज की गई थी। इसके लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई थी। इसके बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं गई, जिस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन कुलपति को तलब किया। वहीं वर्ष 2017 में आयकर छापे के दौरान अपने चेंबर में करोड़ों रुपए मिलने के कारण भी प्रो. सचान विवादों में घिरे।
ईडी की जांच में मिले सबूत, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
प्रो. सचान की पूर्व पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा की शिकायत पर ईडी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच भी शुरू की थी। ऋचा मिश्रा ने प्रो. एके सचान की चल-अचल संपत्तियों की जानकारी ईडी को दी थी। आयकर विभाग की जांच में उनके पास आय से अधिक करीब 10 करोड़ रुपए होने के सुबूत मिले। इसे लेकर कई नोटिस जारी की गईं। केजीएमयू में जांच टीम अक्सर आती जाती रहीं। लेकिन, प्रो. सचान के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया। साल 2019 में उन पर दो-दो मेडिकल कॉलेज के ट्रस्टी और अस्पताल का संचालन करने का आरोप लगा और इसकी शिकायत की गई। इस दौरान सवाल उठाया गया कि आखिरकार इसके बाद भी उन्हें केजीएमयू में विभागाध्यक्ष क्यों बनाया गया है ? हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की गई।
दोबारा फाइल खुलने पर लिया गया एक्शन
हाईकोर्ट के आदेश के बाद केजीएमयू के तत्कालीन कुलपति ने अनुशासनात्मक समिति बनाई। समिति के जांच शुरू करने पर प्रो. सचान हाईकोर्ट से स्टे ले आए। इस पर समिति को अपनी जांच रोकनी पड़ी। इसके बाद मार्च 2023 को हाईकोर्ट ने फिर केजीएमयू प्रशासन को कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद दोबारा फाइल खोलने के बाद मामला लटका हुआ था। अब जाकर प्रो. सचान को सस्पेंड किया गया है।
रसूख के कारण बचते रहे कार्रवाई से
प्रो. सचान के रसखू का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उकी पत्नी डॉ. ऋचा मिश्रा की देखरेख में हिंद चैरिटेबल ट्रस्ट है। इसके तहत हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज का संचालन किया जाता है। इन कॉलेजों में केजीएमयू के पूर्व कुलपति की पत्नी भी नौकरी करती थीं। इसके अलावा कई अन्य प्रोफेसरों और अफसरों के परिजनों के भी यहां नौकरी करने के आरोप हैं। इस वजह से प्रो. सचान के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा सका।
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