केजीएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर केके सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने दवा आपूर्ति में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के चलते अब पहले के मुकाबले ज्यादा दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हो रही हैं।
केजीएमयू प्रशासन का अहम फैसला : दिसंबर से बेड पर मिलेंगी दवाएं, इन मरीजों से होगी शुरुआत
Nov 19, 2024 11:37
Nov 19, 2024 11:37
हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड से सस्ती दवाएं
केजीएमयू में पहले से ही हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के माध्यम से 60 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। हालांकि, सभी प्रकार की दवाएं उपलब्ध न होने के कारण मरीजों के तीमारदारों को बाहर के मेडिकल स्टोर पर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। इस नई पहल के जरिए इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
चरणबद्ध तरीके से लागू होगी योजना
केजीएमयू प्रशासन ने इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला किया है। पहले चरण में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, रानी लक्ष्मीबाई योजना, आयुष्मान भारत योजना, असाध्य योजना, और पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत भर्ती मरीजों को बेड पर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य मरीजों के लिए भी यह सुविधा शुरू की जाएगी।
मरीजों-तीमारदारों को मिलेगी राहत
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर केके सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने दवा आपूर्ति में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के चलते अब पहले के मुकाबले ज्यादा दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हो रही हैं। इस व्यवस्था से मरीजों और उनके परिवार वालों को काफी राहत मिलेगी।
बाहर से महंगे दामों पर नहीं खरीदनी पड़ेंगी दवांए
यह नई व्यवस्था तीमारदारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, क्योंकि अब उन्हें अस्पताल के बाहर महंगे दामों पर दवाएं नहीं खरीदनी पड़ेंगी। इससे उनका समय भी बचेगा और खर्च में भी कमी आएगी।
मरीजों की देखभाल में सुधार
इस नई व्यवस्था का एक अन्य लाभ यह भी है कि मरीजों की देखभाल में सुधार आएगा। दवाएं समय पर और बिना किसी बाधा के मरीजों तक पहुंचेंगी, जिससे इलाज में देरी की समस्या भी दूर होगी।
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