KGMU : कैड-कैम तकनीक के जरिए थ्रीडी इमेज से तैयार किए जाएंगे सटीक दांत, मरीजों के साथ स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

कैड-कैम तकनीक के जरिए थ्रीडी इमेज से तैयार किए जाएंगे सटीक दांत, मरीजों के साथ स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Dec 31, 2024 12:45

कैड और कैम तकनीक से दांतों की त्रुटिहीन माप सुनिश्चित होगी। थ्रीडी स्कैनिंग तकनीक से दांतों की माप तीन अलग-अलग कोणों से ली जाएगी। इसके बाद, माप के आधार पर डिज़ाइन तैयार कर दांत बनाए जाएंगे।

Dec 31, 2024 12:45

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब नकली दांत लगवाने के लिए मरीजों को काफी कम समय लगेगा। उन्हें बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके साथ ही, दांत अधिक सटीकता के साथ तैयार किए जाएंगे। यह नई सुविधा एक करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हो रही है, जिसमें आधुनिक उपकरण और सॉफ्टवेयर खरीदे जा रहे हैं। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी संस्थान में इस तरह की अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होगी।

कैड-कैम तकनीक से होगा दांतों का डिजाइन और निर्माण
केजीएमयू के मीडिया सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. केके सिंह ने बताया कि कंप्यूटर एडेड डिजाइन (कैड) और कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग (कैम) तकनीक के लिए एक करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस तकनीक में थ्रीडी स्कैनर और कंप्यूटर की मदद से दांतों की माप ली जाएगी। प्रोस्थोडोंटिक्स विभागाध्यक्ष प्रो. पूरन चंद के अनुसार, थ्रीडी इमेजिंग से दांतों की माप लेने, उनकी डिजाइन बनाने और निर्माण करने में समय की बचत होगी।

डिजिटल तकनीक से होगी त्रुटिहीन माप और निर्माण
कैड और कैम तकनीक से दांतों की त्रुटिहीन माप सुनिश्चित होगी। थ्रीडी स्कैनिंग तकनीक से दांतों की माप तीन अलग-अलग कोणों से ली जाएगी। इसके बाद, माप के आधार पर डिज़ाइन तैयार कर दांत बनाए जाएंगे। डिजिटल मॉडल को डेंटल लैब भेजा जाएगा, जहां सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर माप की जांच की जाएगी। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे तुरंत ठीक कर दिया जाएगा।

विद्यार्थियों के लिए नई तकनीक सीखने का अवसर
इस नई सुविधा का लाभ सिर्फ मरीजों को नहीं मिलेगा, बल्कि केजीएमयू के विद्यार्थी भी इस तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। वे दांत की डिज़ाइनिंग और निर्माण की प्रक्रिया को समय की बचत के साथ अधिक सटीकता से सीख सकेंगे।

मस्तिष्क की संरचना से जुड़ी बीमारियों पर होगा अध्ययन
केजीएमयू में अब न्यूरोएनोटॉमी लैब की स्थापना की जा रही है, जहां मस्तिष्क की संरचना और उसकी बीमारियों पर गहराई से अध्ययन किया जाएगा। इस लैब की मदद से यह पता लगाया जा सकेगा कि मस्तिष्क की संरचना कैसे बड़ी बीमारियों और मानसिक अक्षमता का कारण बनती है। मीडिया सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो. केके सिंह ने बताया कि न्यूरोलॉजी की पुरानी लैब को अपग्रेड कर इसे न्यूरोएनोटॉमी लैब के रूप में विकसित किया जा रहा है।

फेटल एटॉस्पी लैब की स्थापना : नई शुरुआत
केजीएमयू में यूपी की पहली फेटल एटॉस्पी लैब भी स्थापित की जा रही है। यह लैब उन मामलों की जांच करेगी, जहां गर्भस्थ या नवजात शिशु की मौत हो जाती है। इस लैब में मौत के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। इससे पहले ऐसे मामलों की जांच के लिए शवों को प्रदेश से बाहर भेजा जाता था।

मुंबई भेजे गए भ्रूण की घटना से मिली प्रेरणा
फेटल एटॉस्पी लैब की आवश्यकता का अहसास तब हुआ, जब हाल ही में एक भ्रूण को मुंबई भेजे जाने के दौरान पार्सल में गड़बड़ी हो गई। इस घटना ने प्रदेश में ऐसी सुविधाओं की कमी को उजागर किया। अब केजीएमयू में यह लैब मार्च तक शुरू हो जाएगी।

Also Read

कल्याण सिंह की जयंती पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- रामभक्त और सुशासन के थे प्रतीक

5 Jan 2025 12:00 PM

लखनऊ UP News : कल्याण सिंह की जयंती पर सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि, कहा- रामभक्त और सुशासन के थे प्रतीक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और 'पद्म विभूषण' सम्मानित स्व. कल्याण सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 2, मॉल एवेन्यू में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। और पढ़ें